करनाल -कोई आपसे ठगी करना चाहता है, उससे बचना भले ही नामुमकिन हो, किन्तु जहाँ आम आदमी अपना पैसा सुरक्षित समझ कर बैंक में जमा करवाता है, वहां पर कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी ही ठगी करने वालों का साथ दें तो इसे आप क्या कहेंगे।
ऐसा ही कुछ आंध्रा बैंक की गुडगाँव स्थित सैक्टर-31 में घटित हुआ, संजय यादव नाम का एक व्यक्ति आठ लाख छियानवे हज़ार चार सौ रुपए का चैक ले कर पहुँचा, ये चैक विशाल गुडगाँव निवासी सैक्टर 40 के यहाँ से मात्र चैक में 100 रुपये भरवा कर लाया था अब यहाँ ये बात भी ध्यान देने की है कि जो व्यक्ति 100 रुपये का चैक भरवा कर विशाल से ले कर गया उसकी तस्वीर सी सी टी वी के कैमरे में कुछ और है और जो व्यक्ति बैंक में संजय यादव बन कर पहुँचा उसकी सी सी टी वी में तस्वीर कुछ और है और इस ने बैंक में जो चैक दिया उसमें आठ लाख छियानवे हज़ार चार सौ रूपये अंको में भरे हुए साफ़ साफ़ देखे जा सकते हैं किन्तु शब्दों में आठ लाख छियानवे हज़ार वन हंड्रेड ओनली साफ़ साफ़ देखे जा सकते है, ये चैक उस व्यक्ति ने बैंक में बैठी एक कैशियर को कैश के लिए सौंप दिया।
हैरान करने वाली बात तो यह है कि ये बैंक में मौजूद अघिकारियों और कैशियर को नजऱ नहीं आया। दूसरा कैशियर ने चैक को कैश करने से पहले संजय यादव नामक व्यक्ति से कोई उसका पैन कार्ड या प्रमाणिक दस्तावेज की प्रति नहीं ली और तीसरा कि चैक में भारी भरकम राशि भरी हुई थी। इसको कैश करने से पहले उपभोक्ता को फोन कर वेरिफाई करना होता है, जो कि नहीं किया गया और चैक को कैश कर संजय यादव नामक व्यक्ति के हवाले आठ लाख छियानवे हज़ार चार सौ रूपये दे दिए।
यहां पर गुड़गाँव पुलिस की भी दाद देनी पड़ेगी कि इस घटित मामले में इन सब बातों पर पुलिस का ध्यान नहीं जाना मामले को संदिघ्ध बना रहा है इस सारे प्रकरण में जो बात सामने आ रही है वह यह कि पुलिस की मिलीभगत होना इसमें साफ़ साफ़ नज़र आ रहा है क्योंकि गुडगाँव में 1 महीने ही तकरीबन 10 से 12 ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और वहाँ की पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है अब ऐसी ठगी कोई और करे तो समझ भी आता है, किन्तु इस हुई ठगी में बैंक कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता और इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि आंध्रा बैंक आरबीआई नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है।
इस मामले में पुलिस ने मामला दजऱ् कर लिया है : विशाल
गुडगाँव निवासी विशाल ने बताया कि उन्हें जैसे ही बैंक का मैसेज आया तो मैसेज देख कर उन्हें अच भा हुआ कि उन्होंने इतनी एमाउंट का चैक किसी को दिया नहीं और ना ही कैश करने से पहले बैंक ने विशाल को फोन किया। उन्होंने इस मामले में एक शिकायत पत्र गुडगाँव पुलिस को दिया, जिसमें विशाल ने बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाये हैं। पुलिस ने उनसे शिकायत ले कर संजय यादव के खिलाफ मामला दजऱ् कर लिया है और मामले की जांच कर रही है
क्या कहते हैं बैंक मैनेजर
बैंक मैनेजर केवी एस राम मोहन राव से जब बात की तो उन्होंने कहा कि बैंक कर्मचारी की इस मामले में मिलीभगत हुई तो उस पर कार्यवाही की जायेगी जब उनसे पूछा गया कि आपने चैक कैश करने से पहले उपभोक्ता को फोन नहीं किया मिसमैच को नहीं देखा और जिसे कैश सौंपा गया उसका उससे कोई भी प्रमाणिक दस्तावेज नहीं लिया गया पर बोले कि गल्ती तो हुआ है इसमें जो भी बैंक कर्मचारी दोषी होगा उसे ब शा नहीं जाएगा
बैंक को दिए तीन नोटिस : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है और जांच के दौरान पुलिस ने बैंक को तीन नोटिस दिए है और जिस का बैंक ने जवाब भी दिया है। जिसे लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है।
,रिपोर्ट – अनिल लाम्बा