पिछले 9 महीनों से केंद्र सरकार काले धन पर रोक लगाने की बात कहकर देश वासियों को झटके पे झटका दिए जा रही है। पहले नोटबंदी करके 500 और 1000 के पुराने नोटों की जगह 500 और 2000 के नोट लाए गए। इसके अलावा 200 के नोट भी जारी किए गए हैं।
लेकिन इस बीच अब खबर ये आ रही है कि बैंक जल्द ही नई करेंसी के कुछ नोटों को जमा करने से इंकार करने वाले हैं। इसकी वजह डिजिटल लेन-देन को माना जा रहा है। क्योंकि सरकार शुरुवात से ही लोगों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। लेकिन अभी भी देश में लाखों लोग नकद लेन-देन ही कर रहे हैं।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने तीन जुलाई 2017 को मास्टर सर्कुलर जारी किया है, जिसमें नोटों और सिक्कों को बदलवाने के बारे में गाइडलाइन दी गई हैं।
मास्टर सर्कुलर में खराब नोटों की परिभाषा भी दी गई है। इसमें गंदे नोटों और विरूपित नोटों के बारे में कहा गया है। गंदे नोट वो हैं, जो समय के साथ या ज्यादा चलन में होने के कारण बदरंग हो जाते हैं।
इसके अलावा इसमें वो नोट भी शामिल हैं, जो लेन-देन में फट जाते हैं और उन्हें इस तरह से जोड़ दिया जाता है, जिससे नोट का कोई सिक्योरिटी फीचर छिपता नहीं है। उदहारण- सेलो टेप लगे हुए नोट।
इसके अलावा जिन नोटों पर राजनीतिक नारा या संदेश लिखा गया है, तो वैसे नोट भी नहीं लिए जाएंगे। बैंक का कहना है कि ऐसे नोट लीगल टेंडर नहीं होते, जिस वजह से इनपर किसी भी दावे का भुगतान नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि जिन नोटों की हालत काफी खराब होती है, उन्हें आरबीआई में ही जाकर बदला जा सकता है। इसके लिए कुछ नियम और शर्ते हैं लेकिन किसी भी तरह का कोई भुगतान करने की जरूरत नहीं होती। DEMP-PIC