वरुण गांधी ने कहा कि किसान को लोन के लिए बहुत सारे कागज देने होते हैं और जो 10 हजार करोड़ का लोन लेता है उसे कोई कागज नहीं देना होता। जब वो पैसे नहीं देता तो कहा जाता है 50 परसेंट देदो, लेकिन आम आदमी के घर की कुर्की हो जाती है।
भारतीय जनता पार्टी से पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर से सरकार पर निशाना साधा है। वरुण गांधी ने जहां एक ओर बैंकों के निजीकरण कर विरोध किया तो वहीं अमेजन, फ्लिपकार्ट पर हमला बोला।
वरुण गांधी ने कहा कि किसानों के हित में केवल मैं खड़ा हुआ था। इसका विरोध करने की बाकी किसी भी सांसद की हिम्मत नहीं हुई।
बरेली के बहेड़ी में अलग अलग गांव के निरीक्षण पर पहुंचे वरुण गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर बैंकों का निजीकरण होगा तो जो 10 लाख लोग बेरोजगार होंगे। उनको दोबारा रोजगार कौन देगा। उनके बच्चों को कौन खिलायेगा। अगर bsnl, mtnl, एयरपोर्ट, एयरलाइन बिकेंगे तो आम आदमी के बेटे को नौकरी कौन देगा।
आज एक आदमी नौकरी के लिए जाता है तो उससे उसकी काबिलियत नहीं पूछी जाती। उससे कहा जाता है रिश्वत कितनी दोगे। आप किसकी सिफारिश लाये हैं। इससे हमारा देश दीमक की तरह कमजोर होता है। आने वाले समय में एक आम आदमी को रोजगार ढूढ़ने में दिक्कत आएगी।
वरुण गांधी ने कहा कि किसान को लोन के लिए बहुत सारे कागज देने होते हैं और जो 10 हजार करोड़ का लोन लेता है उसे कोई कागज नहीं देना होता। जब वो पैसे नहीं देता तो कहा जाता है 50 परसेंट देदो, लेकिन आम आदमी के घर की कुर्की हो जाती है। उसे बेइज्जत किया जाता है। मैं चाहता हूं आप सभी मेरा साथ दें।
बहुत सारे लोग अपने स्वार्थ में राजनीति करते हैं। जिनके पैरों में चप्पल नहीं है वो बड़ी बड़ी कोठियां बना रहे हैं। बड़ी बड़ी कालोनियां काट रहे हैं, लेकिन वरुण गांधी इसी गाड़ी में आये थे। चुनाव में आज भी इसी गाड़ी में आये और अगले चुनाव में भी इसी गाड़ी में आयेंगे। आपके गांव में कोरोना की दिक्कत थी, तो सारा ऑक्सीजन, दवाइयां, खाने के पैकेट वरुण गांधी ने अपने पैसों से दिए।