औरंगाबाद – न्यूड और सेमी-न्यूड मॉडल्स के संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के फाइन आर्ट्स कॉलेजों के अच्छे दिन आने वाले हैं। इसकी वजह यह है कि महाराष्ट्र सरकार ने इन मॉडल्स को दिए जाने वाला मानदेय बढ़ाकर करीब तीन गुना कर दिया है।
न्यूड मॉडल्स को पूरे दिन के सत्र के लिए 300 रुपए मिला करते थे, अब वे 1 हजार रुपए कमा सकेंगी। सेमी-न्यूड मॉडल को एक दिन के 250 रुपए के बजाए अब 600 रुपए मिलेंगे। वहीं, साड़ी या दूसरे कपड़ों में लिपटकर पोज करने वाली मॉडल को एक दिन के 200 के बजाए 400 रुपए मिलेंगे। इससे पहले फरवरी 2011 में इन मॉडल्स का मानदेय तय किया गया था। नया मानदेय इसी सत्र से मिलने लगेगा।
फाइन आर्ट्स में पेंटिंग्स और अप्लाइड आर्ट्स के स्टूडेंट्स को अपने पाठ्यक्रम के मुताबिक लाइफ मॉडल्स का चित्र बनाना होता है। कॉलेज का कहना है कि कम मानदेय के चलते मॉडल्स मिलने में परेशानी हो रही थी।
औरंगाबाद के सरकारी आर्ट कॉलेज के कार्यवाहक डीन गोविंद पवार ने बताया कि लाइफ मॉडल्स ढूंढना काफी मुश्किल साबित हो रहा था। उन्होंने बताया, ‘इस सेशन में करीब छह घंटे लगते हैं। इतने लंबे समय के लिए मॉडल को धैर्य के साथ बिना हिले-डुले बैठे रहना होता है। कम मानदेय होने की वजह से हमने न्यूड पोज के लिए मॉडल्स को ढूंढना ही बंद कर दिया था। इतने कम पैसे में कोई मॉडल कपड़े उतारकर छह घंटे बैठने को राजी नहीं होती थी।’
उन्होंने कहा कि दिहाड़ी पर काम करने वाली लड़कियां भी साड़ी में पोज करने को तैयार नहीं होती थीं, क्योंकि उन्हें इतने कम पैसे मिलते थे। पवार ने कहा, ‘ऐसे में कई स्टूडेंट्स अपनी दोस्तों को इसके लिए राजी करते थे, लेकिन इसके लिए भी आर्ट के बेसिक्स से समझौता करना पड़ता था, क्योंकि कई बार उनकी बॉडी और फिगर मॉडल की तरह नहीं होती थी।’
पुणे के भारती विद्यापीठ कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स की प्रिंसिपल अनुपमा पाटिल का कहना था कि कॉलेज स्टैचू का इस्तेमाल करते थे। महाराष्ट्र में करीब एक दर्जन फाइन आर्ट्स के कॉलेज हैं, जिसमें से चार सरकारी कॉलेज हैं। इसके अलावा यहां 150 ऐसे कॉलेज हैं, जो डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।