बाड़मेर – नगर परिषद बाड़मेर की हठधर्मिता के कारण बाड़मेर शहर के 18 हजार गरीब परिवार राशन सामग्री से वंचित हो गये है। कमठा मजदूर बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों को राशन सामग्री दिलवाने के लिये बाड़मेर नगर परिषद को बाड़मेर शहर की श्रेणीवार सर्वे सूची पेश करने का कहा था। मगर नगर परिषद बाड़मेर ने 18 हजार गरीबों की जगह 236 परिवारों का चयन कर सूची जिला परिषद अधिकारी को भेजकर 17हजार गरीबो को राशन सामग्री से वंचित कर दिया। मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि सर्वे सूची का काम नगर परिषद बाड़मेर के जिम्मे था।
नगर परिषद बाड़मेर ने 40 वार्डो के 17 हजार गरीबों का सर्वे सूची से नाम हटाकर राशन सामग्री से वंचित करने का काम किया। मजदूर नेता लक्षमण बडेरा ने कहा कि बाड़मेर शहर की विधवा व विकलांग तक के नाम नगर परिषद बाड़मेर ने सर्वे सूची में नहीं जोड़े है यहां तक की नगर परिषद बाड़मेर को सरकार ने शहर में रहने वाले वृद्धजन पंजीकृत निर्माण श्रमिक गाडोलिया लौहार, घुमन्तु परिवार, जोगी, वागरिया, ग्वारिया, भेड़पालक, कचरा बीनने वाले, हाथ ठेला स्ट्रीट वेंडर, घरेलू श्रमिक, कच्ची बस्तियों में रहने वालों के अलावा जरूरत पड़े तो नवीन श्रणीयां स्थापित कर गरीबों को खाद्य सामग्री से जोड़ने का राज्य सरकार ने आदेश दिया था मगर नगर परिषद बाड़मेर ने सरकार के आदेश को नजर-अंदाज कर 18 हजार गरीबों के स्थान पर मात्र एक हजार लोगों का नाम जोड़कर 17 हजार गरीबों को भुखे मरने पर नगर परिषद बाड़मेर ने मजबूर कर दिया है।
मजदूर नेता लक्षमण बडेरा ने दावे के साथ कहा कि जब मजदूर राशन की दुकान पर जाता है तो राशन डीलर कहता है कि सरकार ने आपका गेहूं बंद कर दिया है जिससे सरकार की छवी लगातार खराब हो रही है और मजदूर नेता ने कहा कि विधायक को सरकार के खिलाफ अनशन करने की बजाय नगर परिषद बाड़मेर के खिलाफ अनशन करना चाहिए ताकि बाड़मेर की गरीब जनता को पता चले की बाड़मेर के 18 हजार गरीबों के पेट पर लात मारने वाली नगर परिषद बाड़मेर है।
मजदूर नेता लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि यदि नगर परिषद बाड़मेर ने बाड़मेर शहर का पुनः सर्वे नहीं किया और गरीबों को राषन सामग्री की सर्वे सूची में नहीं जोड़ा तो कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर नगर परिषद बाड़मेर के खिलाफ अनशन करेगी।