दिल्ली के औद्योगिक इलाके बवाना में शनिवार देर शाम एक अवैध पटाखा गोदाम में आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हैं। 30 दमकलों ने करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
आग लगने की वजहों का पता नहीं चल सका है। दिल्ली सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर जीसी मिश्रा के अनुसार, गोदाम अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। यहां से देशभर में पटाखे ऑनलाइन बेचने का काम हो रहा था। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है।
दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शाम करीब 6.20 बजे एफ-90 सेक्टर-5 स्थित पटाखा गोदाम में आग लगी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बहुत तेजी से फैली आग ने देखते ही देखते फैक्ट्री के बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर व पहली मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के समय बड़ी संख्या में लोग वहां काम कर रहे थे। कुछ ने तो भागकर अपनी जान बचा ली, लेकिन कई लोग अंदर ही फंसे रह गए।
बवाना में ही दो अन्य फैक्ट्री में भी आग, कोई हताहत नहीं
बवाना में ही दो और फैक्ट्री में आग लगी, हालांकि वहां किसी हताहत होने की खबर नहीं है। सेक्टर-1 स्थित कारपेट बनाने की फैक्ट्री में लगी आग पर दमकल की 10 गाड़ियों ने काबू पाया। शाम 7.35 बजे सेक्टर-3 स्थित प्लास्टिक फैक्ट्री मेें भी आग लग गई। दमकल की 12 गाड़ियों ने आग पर नियंत्रण किया।
कुछ की जलने से तो कुछ की दम घुटने से मौत
पुलिस के मुताबिक कुछ लोगों की मौत जलकर और कुछ की दम घुटने से हुई है। घटनास्थल से 17 शवों को बाहर निकाला जा चुका है। इसमें 10 महिलाएं और सात पुरुष हैं। उनके अनुसार, 13 की मौत पहली मंजिल पर, तीन की ग्राउंड फ्लोर और एक की बेसमेंट में हुई।
छत से कूदकर बचाई जान
कुछ लोग जान बचाने के लिए छत पर चले गए लेकिन वहां भी आग की लपटें पहुंचने पर कुछ ने वहां से छलांग लगा दी। इसमें उन्हें चोट भी आई है।
अपनों की तलाश करते रहे लोग
घटना स्थल पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। वहां काम कर रहे लोगों की तलाश में भी लोग पहुंच गए। भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस बल बुलाना पड़ा।
गोदाम मालिक हिरासत में
रोहिणी के डीसीपी रजनीश गुप्ता ने बताया कि गोदाम मालिक मनोज जैन को हिरासत में लिया गया है। वह एक अन्य व्यक्ति के साथ साझेदारी में यूनिट चला रहा था। हालांकि अभी इसकी जांच की जा रही है कि जगह उनकी थी या किराये पर ली हुई थी। इसकी भी जांच की जा रही है कि क्या यहां पर पटाखे भी बनाए जाते थे।
दस साल की सजा संभव
पुलिस ने गैर इरादतन हत्या और आग या ज्वलनशील सामग्री के प्रति लापरवाही का मामला दर्ज किया है। इसके तहत अधिकतम दस साल तक की सजा हो सकती है।
मृतक आश्रितों को पांच लाख
केजरीवाल ने देर रात घटनास्थल का दौरा किया और मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख और घायलों को एक-एक लाख रुपये की मदद देने का एलान किया। केजरीवाल ने कहा कि घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
पीएम और सीएम ने जताया दुख
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘बवाना हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना है।’
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘आग से कई लोगों की मौत की खबर सुनकर काफी दुख पहुंचा है। सरकार राहत-बचाव अभियान पर नजर रखे हुए है।’
अतुल गर्ग, चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि, गोदाम में धुआं होने से काफी लोग बेहोश हो गए और फिर आग में झुलस गए। छत से छलांग लगाने वालों में एक व्यक्ति का पैर टूट गया है, उसका इलाज चल रहा है। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
आगजनी के कुछ मामले
23 दिसंबर 2017 : दिल्ली के मेट्रो हार्ट एंड कैंसर अस्पताल में लगी आग, 84 मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालकर दूसरे अस्पतालों में भेजा गया।
12 दिसंबर 2017 : निहाल विहार इलाके में आग लगने से 15 साल की बेटी व मां की मौत, ढाई माह की बच्ची समेत तीन झुलसे।
05 नवंबर 2017 : बाड़ा हिंदू राव इलाके में एलपीजी रिसाव के बाद घर में लगी आग, बुजुर्ग व बच्ची की मौत, आठ अन्य झुलसे।
07 जुलाई 2017 : पूर्वी दिल्ली की दिलशाद कॉलोनी में जन्मदिन पार्टी के दौरान घर में लगी आग, चार की मौत, कई अन्य झुलसे।
13 जून 1997 : उपहार सिनेमा में लगी आग में 59 लोग मारे गए थे।