भारत के टेस्ट कप्तान विराट कोहली और सीमित ओवरों के उनके समकक्ष महेंद्र सिंह धोनी ने 2016-17 सत्र में भारतीय क्रिकेट का खाका तैयार करने के लिए मुख्य कोच अनिल कुंबले और ‘ए’ टीम के कोच राहुल द्रविड़ के साथ लंबी चर्चा की।
बैठक में मुख्य राष्ट्रीय चयनकर्ता संदीप पाटिल, महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) एमवी श्रीधर, एनसीए के बल्लेबाजी कोच डब्ल्यूवी रमन और स्पिन गेंदबाजी कोच नरेंद्र हिरवानी, जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष वेंकटेश प्रसाद और फिजियो एंड्रयू लीपस ने भी हिस्सा लिया।
बैठक में घरेलू क्रिकेट ढांचे, भारत ‘ए’ के दौरों, चोट प्रबंधन और खिलाड़ियों पर काम के बोझ के अलावा भारतीय क्रिकेट के बेंच स्ट्रैंथ को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
सीमित ओवरों के कप्तान धोनी ने बेंच स्ट्रेंथ के आकलन को लेकर अपनी बात रखी क्योंकि उन्होंने हाल में जिंबाब्वे दौरे पर ऐसी टीम की अगुवाई की थी जिसमें अधिकांश ‘ए’ टीम के खिलाड़ी थे।
इस दौरान ध्यान दिया जाएगा कि प्रथम श्रेणी से ‘ए’ स्तर और फिर सीनियर टीम में जाने में खिलाड़ी को कोई परेशानी नहीं हो. विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक तेज गेंदबाजों का पूल बनाने पर भी चर्चा की गई जिन्होंने आगामी लंबे और कड़े सत्र को देखते हुए रोटेट किया जा सके।
लीपस की भूमिका तेज गेंदबाजों की चोट के प्रबंधन को देखते हुए काफी महत्वपूर्ण है. देश में अच्छे स्पिनरों की भी कमी है और रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा के लिए कोई चुनौती नहीं है. जयंत यादव, अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल और शाहबाज नदीम जैसे खिलाड़ी दावेदारी पेश कर रहे हैं लेकिन काफी कुछ ‘ए’ टीम के कोच द्रविड़ की सलाह पर निर्भर करेगा।
‘ए’ टीम को अगस्त में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है. यह टीम का महत्वपूर्ण दौरा होगा जिससे टेस्ट कप्तान कोहली और कोच कुंबले को यह परखने का मौका मिलेगा कि चोट या फार्म गंवाने की स्थिति में संभावित विकल्प क्या होंगे।
स्पिन कोच हिरवानी की जिम्मेदारी होगी कि एनसीए शिविर में आने वाले स्पिनरों का एक्शन अंडर 19 राष्ट्रीय टीम में जाने से पहले पाक साफ हो. एनसीए के बल्लेबाजी कोच रमन को द्रविड़ के साथ अधिक समन्वय रखना होगा। इस बैठक से पहले भारतीय टीम ने मैच स्थिति सत्र में हिस्सा लिया जहां टीम के सभी सदस्य टेस्ट मैच जैसी स्थिति में सफेद कपड़ों में पहुंचे।