बेंगलुरु – बीफ बैन पर चल रही बहस के मद्देनजर कुछ संगठनों ने शहर में गोमांस खाने का कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में ज्ञानपीठ से सम्मानित साहित्यकार-फिल्मकार गिरीश कर्नाड भी शामिल हुए। हालांकि बहुत सारे लोग कुछ खा नहीं पाए क्योंकि पुलिस खाना उठाकर ले गई।
देश के कुछ हिस्सों में सरकारों ने बीफ पर बैन लगा दिया है। इसी के विरोध में कुछ दलित संगठनों ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था। कार्यक्रम में कई मशहूर हस्तियां शामिल हुईं। इनमें चर्चित कन्नड़ साहित्यकार डॉ. के मरुलासिदप्पा भी शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों ने गोमांस पर बैन को भारत की विविध भोजन संस्कृति और खाने के अधिकार का उल्लंघन बताया। कर्नाड और मरुलासिदप्पा ने गोमांस नहीं खाया लेकिन उन्होंने कहा कि वे बैन का विरोध करते हैं।
कर्नाड ने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि लोग कहें कि मैं गोमांस खाता हूं इसलिए बैन का विरोध कर रहा हूं। नहीं, सभी को अपनी मर्जी का अधिकार है…’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘कौन कहता है कि अधिकतर लोग गोमांस नहीं खाते? यह बकवास ब्राह्मणों की फैलाई हुई है। हिंदुत्व के पैरोकारों ने इसे बनाया है। वोक्कलिग, मुसलमान, ईसाई, दलित और कई अन्य समुदाय बीफ खाते हैं।’
मरुलासिदप्पा ने भी वहां गोमांस नहीं खाया। उन्होंने कहा, ‘मैंने नहीं खाया क्योंकि यह मेरे भोजन की आदतों ने नहीं है। लेकिन जैसे मुझे न खाने का अधिकार है, वैसे ही मैं खाने के अधिकार का भी समर्थन करता हूं।’