लखनऊ। यूपी सहित देश भर में बिखरे पडे ब्रहमण और सनातन समाज को एकजुट करने के महाभियान की शुरूआत भगवान राम की जन्मस्थली और पौराणिक नगरी अयोध्या से आगामी 21 नवम्बर से होने जा रही है। देश की आजादी के बाद के पहले सबसे बडे महाभियान को पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चिलानंद सरस्वती का आर्शीवाद और मार्गदर्शन मिलेगा।
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आबादी और संख्याबल के हिसाब से ब्राह्मणों को न तो सत्ता में भागीदारी मिली और न ही ब्राह्मणों को सामाजिक न्याय मिल सका- कैप्टन एसo केo दिवेदी
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यह जानकारी ब्रहम सागर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन एवं अवकाश प्राप्त आईएएस एसo केo दिवेदी और संगठन मंत्री विजय त्रिपाठी ने आज होटल कार्ल्टन में मीडिया के साथ संयुक्त बातचीत में दी। श्री दिवेदी ने बताया कि ब्राह्मण और सनातन समाज आदिकाल से उदारवादी सोच और विचारधारा का रहा है। समाज के अन्य वर्गो की तरह उसने कभी किसी से कुछ मांगा नहीं। चाहे त्रेता युग हो या वर्तमान कलयुग अथवा अन्य कोई युग-काल रहा है उसने हमेशा राजा बनाने का काम किया।
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पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चिलानंद सरस्वती के मार्गदर्शन महाभियान की शुरुआत के लिये अयोध्या में 20 और 21 नवम्बर को होगा मंथन शिविर।
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श्री दिवेदी ने कहा कि अपनी इसी उदारवादी सोच और विचाराधारा के चलते आज ब्रहमण तथा सनातन समाज पिछडता गया जबकि अन्य जातियां और समाज काफी आगे निकलते गये। केन्द्र और राज्यों में सरकारें चाहे किसी भी दलों की रही हो लेकिन उनकी प्राथमिकता पर यह समाज नहीं रहा। राजनीतिक दलों ने फूट डालों राज करों के फार्मूले पर समाज को धोखा दिया। उन्होने कहा कि अब वक्त आ गया है कि ब्रहमण और सनातन समाज एकजुट होकर अपने अधिकार और हक को हासिल करे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि समाज की खराब होती हालात को देखते हुये देशभर के ब्रहमण और सनातन समाज को जोडने के लिये ब्रहम सागर संगठन का गठन किया गया है। पिछले करीब पांच माह से देश के अलग-अलग राज्यों तथा जिलों का सघन दौरा करके अलगा-अलग बिखरे समाज के विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाने का काम किया गया है। अभी तक डेढ सौ से ज्यादा संगठन ब्रहम सागर के साथ जुडकर अपना काम कर रहे है। उन्होने बताया कि पूरे देश में ब्रहम और सनातन समाज को एकजुट करने के इस महाभियान के तहत अयोध्या में दो दिवसीय मंथन शिविर रखा गया है। मुख्य आयोजन 21 नवम्बर को रामकथा पार्क में होगा। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चिलानंद सरस्वती देश भर से आने वाले ब्रहमण और सनातन समाज के संगठनों को अपना संदेश और मार्ग दर्शन देगे।
उन्होने बताया कि ब्रहम सागर पूरी तरह गैर राजनीतिक संगठन है जो सभी धर्मो तथा राजनीतिक संगठनों का सम्मान करता है। संगठन का मुख्य मकसद टुकडों में बिखरी समाज की ताकत को एकजुट करके उसे सामाजिक न्याय दिलाने के साथ-साथ समाज को कमजोर वर्ग की मदद करके उसे आगे बढाना है।
(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी)