36.1 C
Indore
Saturday, April 20, 2024

बिहार में लिखी जा रही विकास की इबारत

देश के सबसे बड़े राज्यों में से एक गिना जाने वाला बिहार राज्य हालंाकि गत् चार-पांच दशकों से देश के सबसे पिछड़े अर्थात् ‘बीमारू’ राज्यों में गिना जाता रहा है। परंतु गत् एक दशक से खासतौर पर जबसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने पटना में बिहार के प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में बिहार से हरित क्रांति की शुरुआत किए जाने का आह्वान किया उसी समय से बिहार विकास की राह पर आगे बढऩे लगा। यदि तीन वर्ष पूर्व बिहार की कोसी नदी द्वारा मचाए गए प्राकृतिक प्रलय तथा इस वर्ष आए भयानक भूकंप जैसी प्राकृतिक विपदाओं को नज़रअंदाज़ कर दिया जाए तो नि:संदेह बिहार में बाढ़,अराजकता,सडक़ों तथा विद्युत जैसे विकास के लिए बुनियादी समझे जाने वाले क्षेत्रों में काफी काम किया है। तथा अब उसके सकारात्मक परिणाम भी नज़र आने लगे हैं। जिस समय पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब ने पटना में राज्य से हरित क्रांति शुरु करने का आह्वान किया था उस समय भी अप्रवासी बिहारी उद्योगपतियों ने केंद्र व राज्य सरकार की ओर देखते हुए यही निवेदन किया था कि उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार चाहिए। अर्थातृ फिरौती,हफ्ता वसूली तथा गुंडागर्दी के द्वारा धनवान लोगों व उद्योगपतियों को तंग किए जाने का माहौल समाप्त होना चाहिए। उन्होंने यह मांग भी की थी कि राज्य को बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से मुक्ति दिलाई जानी चाहिए। और इन्हीं अप्रवासी बिहारी उद्योगपतियों ने राज्य में अच्छी सडक़ों तथा बिजली की निरंतर आपूर्ति की मांग भी की थी। राष्ट्रपति कलाम व अप्रवासी भारतीयों के मध्य 2006 में जिस समय बिहार से हरित क्रांति की शुरुआत किए जाने की यह मंत्रणा की जा रही थी उस समय राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में नितीश कुमार ने अपने प्रथम कार्यकाल की शुरुआत की थी।

इसमें कोई संदेह नहीं कि राज्य के विकास की उपरोक्त मंत्रणा में मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने एक संकल्प के रूप में उस समय से ही काम करना शुरु किया। यहां तक कि उन्हें विकास बाबू के नाम से भी पुकारा जाने लगा था। और इसमें भी कोई दो राय नहीं कि राष्टपति कलाम के बिहार को हरित क्रांति का मंत्र दिए जाने में तत्कालीन यूपीए सरकार ने अपना पूरा योगदान दिया। इसके परिणामस्वरूप बिहार में विकास के लक्षण अब साफतौर पर नज़र आने लगे हैं। काफी हद तक राज्य को टूटी-फूटी और गड्ढेदार सडक़ों से निजात मिल चुकी है। यदि कहीं सडक़ें टूट-फूट भी जाती हैं तो तत्काल उनकी मुरम्मत भी की जा रही है। बिहार में अराजकता तथा गुंडागर्दी भी पहले से काफी कम हो गई है। राज्य के बाज़ारों में यहां तक कि सिर्फ शहरों में ही नहीं बल्कि कस्बों व गांवों के बाज़ारों में भी रौनक़ नज़र आने लगी है। लगभग प्रत्येक दैनिक उपयोगी वस्तु प्रत्येक गांव के आसपास के छोटे से छोटे बाज़ार अथवा चौक पर उपलब्ध दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों द्वारा दूसरे राज्यों में जाकर काम करने की वजह से राज्य में पैसों का आदान-प्रदान तथा खरीद-फरोख्त भी बड़े पैमाने पर हो रही है। लोगों के पास पैसे आने तथा उन्हें खर्च करने की प्रवृति ने दुकानदारों तथा व्यवसायियों को भी अपने कारोबार में निवेश तथा अच्छा व मंहगा सामान अपनी दुकानों पर रखने हेतु प्रोत्साहित किया है। इनके चलते बाज़ार में एक नई प्रकार की चहल-पहल दिखाई देने लगी है।

और इन सब से अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में यहां तक कि दूर-दराज़ के ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से होने लगी है। कहीं-कहीं तो 16 से 18 घंटे तक तो किन्हीं क्षेत्रों में 20 से 22 घंटे तक की विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इस विद्युत क्रांति ने तो गोया बिहार को अंधेरे से उजाले की ओर वापस आने का रास्ता साफ कर दिया है। विद्युत आपूर्ति के चलते विद्युत संबंधी घरेलू उपयोग में आने वाले उपकरणों की बिक्री काफी तेज़ी से बढ़ी है। निश्चित रूप से छात्रों की पढ़ाई-लिखाई पर भी विद्युत आपूर्ति का सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। दूसरी ओर ऐसा लगता है कि प्रकृति भी बिहार के विकास हेतु किए जा रहे सरकारी प्रयासों में अपना सहयोग देते हुए गत् कई वर्षों से राज्य को बाढ़ रूपी आपदा से मुक्त किए हुए है। हालांकि इस दिशा में भी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर बांध आदि बनाने की व्यवस्था भी की गई है। और इन सभी बातों का प्रभाव बिहार आने-जाने वाले उन लोगों पर भी पड़ा है जो ‘पिछड़े बिहार’ तथा अंधेरे बिहार में आने से कतराया करते थे। अब उन्हीं लोगों को बिहार आने,यहां रहने अथवा अपने कार्यों से अवकाश लेने के बाद अपने पैतृक घरों में आकर बसने में कोई हिचकिचाहट महसूस नहीं हो रही है। परंतु राज्य के विकास के लिए किए जा रहे तमाम सरकारी उपायों व प्रयासों के मध्य निश्चित रूप से राज्य के स्थानीय लोगों की भी तमाम जि़म्मेदारियां हैं। उन्हें भी राज्य के विकास में अपना हर वह सहयोग देना होगा जो बिहार को विकसित राज्य बनाए जाने हेतु ज़रूरी है।

उदाहरण के तौर पर यदि सडक़ें साफ-सुथरी तथा सपाट बनाई गई हैं तो निश्चित रूप से उनपर चलने वाले वाहनों की संख्या तथा उनकी रफ्तार में काफी वृद्धि हुई है। परिणामस्वरूप राज्य में सडक़ दुर्घटनाओं के आंकड़े पहले से अधिक बढ़ गए हैं। इन दुर्घटनाओं के लिए वाहन चालक द्वारा अपनाई जाने वाली तीव्र गति तो जि़म्मेदार है ही साथ-साथ सडक़ों के किनारे दुकानदारों द्वारा किए जाने वाला अतिक्रमण भी कम जि़म्मेदार नहीं है। इसी प्रकार विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में भी कुछ मुफ्तखोर लोग ऐसे हैं जो विद्युत का प्रयोग तो करना चाहते हैं परंतु बिजली के बिल का भुगतान नहीं करना चाहते। हालांकि सरकार द्वारा भी ऐसे तत्वों से निपटने हेतु सख्त उपाय किए जा रहे हैं। जिन उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं किया जा रहा है उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को किश्तों में पैसे जमा किए जाने की सहूलियत भी दी गई है। इंटरनेट के माध्यम से भी बिजली के बिल का भुगतान किए जाने की व्यवस्था कर दी गई है। ऐसे में उपभोक्ताओं का फजऱ् है कि वे सरकार को अपना पूरा सहयोग दें तथा बिहार में आई विद्युत क्रांति का स्वागत करते हुए प्राथमिकता के आधार पर बिजली के बिल का भुगतान करने का प्रयास करें। बजाए इसके कि न तो वे बिल जमा करें और चोरी की बिजली भी इस्तेमाल करते रहें।

इसी प्रकार सफाई के क्षेत्र में भी सरकार द्वारा अपनी ओर से कूड़ा उठाने वाली आधुनिक गाडिय़ों के प्रबंध किए गए हैं जो कूड़े-करकट के ढेर को उठाकर निर्धारित स्थान पर ले जाती हैं। परंतु सफाई के लिए केवल सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं बल्कि यहां के नागरिकों को भी स्वयं सफाई व गंदगी के सकारात्मक व नकारात्मक परिणामों को समझने की ज़रूरत है। सडक़ों पर मनचाही जगह पर बैठकर शौच कर देना, जहां चाहा वहीं पान अथवा खैनी खा कर थूकते रहना,जगह-जगह अपने थूक व पीक के रंग-बिरंगे निशान छोड़ कर अपनी प्रवृति की निशानी छोडऩा बिहार के विकास के लिए लिखी जाने वाली इबारत में काले धब्बे के समान हैं। हद तो यह है कि राज्य में मांस व मछली जैसा कारोबार करने वाले लोग सफाई का ध्यान नहीं रखते। इनके द्वारा मांस मछली का बचा-खुचा कचरा अपनी दुकानों के इर्द-गिर्द बेहिचक फेंक दिया जाता है। परिणामस्वरूप इन स्थानों से भीषण बदबू उठने लगती है। मक्खियां ऐसी जगहों पर बैठकर घर-घर बीमारी बांटने लगती हैं। स्वयं मांस-मछली के ग्राहक भी इन्हीं दुकानों पर घोर बदबूदार वातावरण में बैठकर खरीददारी करते हैं। यह ग्राहकों व दुकानदारों के स्वास्थय के लिए भी हानिकारक है। परंतु अज्ञानता के चलते इन हालात से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। आम लोगों को इस दिशा में भी जागरूक व सक्रिय होने की ज़रूरत है। बिहार के विकास के लिए सरकार के प्रयासों से लिखी जा रही नई इबारत में बिहार के लोगों की शिरकत व उनकी जागरूकता उतनी ही ज़रूरी है जितना कि बिहार व देश का तरक्की करना। जि़ला व शहर से लेकर $कस्बे व पंचायत स्तर पर आम बिहारी लोगों में इस विषय पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की तत्काल सख्त ज़रूरत है।

:-निर्मल रानी

nirmalaनिर्मल रानी 
1618/11, महावीर नगर,
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-09729-229728

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...