पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है। सीबीआई ने 2016 में रोज वैली चिटफंड मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी। इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी। उनकी मौत की खबर से सिनेमा और राजनीति जगत की हस्तियां शोक में हैं।कोलकाता: बंगाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता एवं तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद तपस पॉल का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 61 साल के थे। परिवारिक सूत्रों ने बताया कि पॉल अपनी बेटी से मिलने मुंबई गए थे। कोलकाता लौटते समय मुम्बई हवाई अड्डे पर उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें जुहू के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां मंगलवार सुबह करीब चार बजे उनका निधन हो गया। उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले दो साल से लगातार उनका इलाज चल रहा था।
पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है। सीबीआई ने 2016 में रोज वैली चिटफंड मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी। इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली थी। उनकी मौत की खबर से सिनेमा और राजनीति जगत की हस्तियां शोक में हैं।
तपस पॉल का का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। उनका जन्म 29 सितंबर, 1958 को हुआ था। सिर्फ 22 साल की उम्र में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कर दी थी। तपस ने ग्रेजुएशन बायो साइंस में हूगली मोहसिन कॉलेज से किया था। 1980 में उन्होंने तरुण मजुमदार की बंगाली फिल्म दादर कीर्ति से डेब्यू किया था। फिल्म में उनके साथ मधु रॉय चौधरी, देबर्शी रॉय और संध्या रॉय थीं। बंगाली सिनेमा में चार साल काम करने के बाद तपस ने अपनी पहली हिंदी फिल्म की जिसका नाम अबोध था।
इस फिल्म में उन्होंने माधुरी दीक्षित के अपोजिट काम किया था और 1984 में रिलीज हुई हिरेन नाग निर्देशित इसी फिल्म अबोध से माधुरी दीक्षित ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया था। बता दें कि अपने 30 साल के करियर में तापस ने तमाम दिग्गज फिल्मी सितारों के साथ काम किया। साहेब (1981), परबत प्रिया (1984), भालोबासा भालोबासा (1985), अनुरागर चोयान (1986), अमर बंधन (1986) सहित उनकी कई फिल्में लोकप्रिय हुईं। साहेब में उनकी भूमिका के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।