नई दिल्ली : चाहे खेल का मैदान हो या फिर राजनीति, तमाम कोशिशों के बाद भी सट्टेबाजी पर रोक नहीं लग पा रही है। क्रिकेट के खेल में एक एक गेंद पर और चुनाव में एक-एक वोट पर करोड़ों की सट्टेबाजी को अब कानूनी रूप दिया जा सकता है। बिना लाइसेंस के सट्टेबाजी करने पर भले ही कड़ी सजा का प्रावधान बनाया जाए लेकिन लाइसेंस वाली सट्टेबाजी को कानून की इजाजत मिल सकती है।
सरकार को टैक्स देना जरूरी
सट्टेबाजी करें या ऑनलाइन जुआ खेलें, सब कुछ सरकार की निगरानी में होना चाहिए और इस पर लगने वाला कर सरकार को देना आवश्यक होगा।
लोढ़ा कमेटी ने की है सिफारिश
बता दें कि क्रिकेट में सुधार को लेकर बनी जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कानून आयोग से कहा था कि सट्टेबाजी को कानूनी रूप देने पर उनकी सिफारिशें बनाए।
आयोग ने बना ली है राय
आयोग के सूत्रों के अनुसार जल्द ही रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। आयोग ने इस मुद्दे पर आम जनता से भी सुझाव मंगाए थे और आर्थिक विशेषज्ञों से भी सलाह मशविरा किया था। आयोग ने इस विषय पर कुछ सर्वेक्षण भी कराए थे। जिनके आधार पर आयोग ने राय बना ली है।
राजस्व में भी बढ़ोतरी
आयोग के अनुसार सट्टेबाजी के कानूनी होने से कालेधन पर लगाम लगेगी। इतना ही नहीं इससे सट्टेबाजी के रैकटों का खुलासा कर उन्हें सजा भी दी जा सकेगी। माना जा रहा है कि सट्टेबाजी को कानूनी रूप दिए जाने से विदेशी कंपनियां भारत में आंएगी तो राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।