आज 10 ट्रेड यूनियनों की तरफ से भारत बंद बुलाया गया है। बैंकिंग, खासकर सरकारी बैकों, ट्रांसपोर्ट और दूसरी सेवाओं पर हड़ताल का असर रहेगा। जानिए भारत बंद से जुड़ा हर अपडेट…
असम में बंद से आम जनजीवन प्रभावित रहा और सड़कों से वाहन नदारद रहे तथा दुकानें भी बंद रहीं। दुकानें और बाजार बंद रहे, लेकिन दवा की दुकानें खुली रहीं।
शैक्षणिक संस्थान खासकर स्कूल बंद रहे। कॉलेजों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्वनिर्धारित परीक्षाएं सामान्य तरीके से आयोजित हुईं। अधिकतर निजी कार्यालय बंद रहे लेकिन राज्य सरकार के कार्यालय खुले रहे। समूचे राज्य में अधिकतर बैंक बंद रहे।
पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। कई स्थानों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई। इसके अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान का बुधवार को राजस्थान में मिला जुला असर देखने को मिला। ट्रेड यूनियन कर्मचारियों के इसमें शामिल होने के कारण बंद के शुरुआती घंटों में बैंकिंग सेवाओं, रोडवेज सेवाओं पर आंशिक असर देखने को मिला। बैंक कर्मचारियों की यूनियन के प्रतिनिधि महेश मिश्रा ने बताया कि जयपुर में एलआईसी भवन के सामने प्रदर्शन किया गया जिसमें बैंक और एलआईसी कर्मचारियों ने भाग लिया।
हड़ताल का असर चूरू, गंगानगर, सीकर में बसों के संचालन पर पड़ा है। हालांकि जयपुर शहर में बाजार खुले हैं और सार्वजनिक परिवहन सेवा पर ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है।
देशव्यापी हड़ताल में बैंक कर्मचारियों के शामिल होने से बुधवार को बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा। हड़ताल की वजह से देश में कई जगहों पर सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में नकदी जमा करने और निकालने समेत अन्य गतिविधियां प्रभावित रहीं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वामदलों और कांग्रेस के भारत बंद पर कहा कि हम राज्य में हड़ताल की इजाजत नहीं देंगे, जो ऐसी कोशिश कर रहे हैं, उनका बंगाल में कोई राजनीतिक आधार नहीं है
केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में बुधवार को श्रमिक संघों ने देशभर में भारत बंद का एलान किया है। देश के 10 प्रमुख श्रमिक संघों के आह्वान पर करीब 25 करोड़ लोगों के हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश में भी इस बंद का असर देखने को मिला।
पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में भारत बंद के दौरान एक बस में तोड़फोड़ करते नजर आए प्रदर्शनकारी
मजदूर संघ समेत अन्य संगठनों के भारत बंद के आह्वान का वाराणसी में भी दिख रहा है। कई मजदूर संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं जिला पुलिस और प्रशासन भी एलर्ट मोड में है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, जिले में धारा 144 लागू है। इसलिए बगैर अनुमित के जुलूस निकालने और प्रदर्शन करने वाले कार्रवाई की जद में आएंगे।
आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न क्षेत्रीय महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय यूनियनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बारिश आंदोलन पर असर नहीं डाल सकी है। श्रमिक राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में जुलूस निकालेंगे और योजना के मुताबिक, कर्मचारी आईटीओ पर एकत्र होंगे और फिर यहां से जुलूस निकालेंगे।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में हृदयपुर स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक से पुलिस को चार देसी बम बरामद हुए हैं।
केंद्र सरकार की ‘जन-विरोधी’ नीतियों के खिलाफ हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। हालांकि, पुलिस ने तत्काल वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए उन्हें हटा दिया। कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं।
तमिलनाडु के चेन्नई में माउंट रोड पर प्रदर्शन जारी है। दस व्यापार संघ ने ‘भारत सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों’ के खिलाफ आज भारत बंद का आह्वान किया है।
मुंबई में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने भारत पेट्रोलियम के रणनीतिक विनिवेश के सरकार के फैसले का विरोध किया।
प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा और उत्तरी 24 परगना के कांचरापाड़ा में रेलवे ट्रैक को बंद कर दिया है। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ यह बंद बुलाया गया है।