खण्डवा | भवानी माता मंदिर मध्य प्रदेश के खण्डवा शहर में स्थित है प्रसिद्ध भवानी माता मंदिर जो माँ के प्रमुख मंदिरों मे से एक है | मध्य प्रदेश का यह मंदिर धूनीवाले दादाजी के दरबार के समीप ही स्थित है जहाँ भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती है | भवानी माता का यह मंदिर माँ के भक्तों के लिए अती पावन धाम है, जहाँ आकर भक्तों को आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है | मंदिर में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति माता की भक्ति में ही रमा नजर अता है |
माँ का यह मंदिर माता तुलजा भवानी को समर्पित है जहाँ माता के इस रूप की पूजा होती है | यह मंदिर खंडवा के प्रमुख पवित्र दर्शनीय स्थलों में से एक है | भारत के मध्य प्रदेश प्रांत में स्थित एक प्रमुख शहर है, खंडवा जो दक्षिण भारत का प्रवेश द्वार भी कहलाता है | यह जिला नर्मदा नदी एवं ताप्ती नदी घाटी के मध्य में स्थित हैं जहाँ का सौंदर्य इस बात से और भी निखर जाता है ओर बरबस ही लोग यहाँ खिंचे चले आते हैं |
मंदिर का अनुपम सौंदर्य सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है जिस कारण हर व्यक्ति एक न एक बार तो इस मंदिर में आने की इच्छा रखता ही है | माँ के दर्शनों को पाकर श्रद्धालु अपनी सभी कष्टों को भूल जाते हैं व हर चिंता तथा संकट से मुक्त हो जाते हैं |
माँ के दरबार में हर समय माता की ज्योज प्रज्जवलित रहती है , जो भक्तों में एक नयी ऊर्जा शक्ति का संचार करती है | जिससे भक्तों में धार्मिक अनूभूति जागृत होती है तथा जीवन की कठिनाईयों से पार पाने की क्षमता आती है | यहां आने वाला भक्त जीवन के इन सबसे सुखद पलों को कभी भी नहीं भूल पाता और उसके मन में इस स्थान की सुखद अनुभूति हमेशा के लिए अपनी अमिट छाप छोड़ जाती है |
भवानी माता मंदिर कथा
भवानी माता मंदिर भक्तों की आस्था ओर विश्वास को अपने में समेटे हुए है | मंदिर के विषय में धार्मिक पौराणिक उल्लेख प्राप्त होते हैं, जिसके द्वारा इस मंदिर का महत्व और भी प्रखर रूप लेता दिखाई पड़ता है | मंदिर के साथ जुड़ी मान्यताएं एवं किंवदंतीयाँ श्रद्धालुओं में बहुत प्रचलित हैं माँ तुलजा भवानी के इस स्थान का स्वरूप रामायण काल के पावन समय से जोड़ा जाता है |
कथा अनुसार जब श्री राम जी को चौदह साल का वनवास प्राप्त होता है तो वह पिता के निर्देश स्वरूप वन की ओर प्रस्थान करते हैं | इस दौरान श्री राम जी अनेक स्थानों में जाते हैं जहाँ उनके द्वार की कार्यों का उल्लेख मिलता है | इसी क्रम में वनवास के दौरान श्री राम जी इस स्थान पर भी आए थे तथा यहाँ के शुद्ध वातावरण से प्रभावित हो उन्होंने कुछ समय के लिए इसे अपना आध्यात्मिक स्थान बनाया था |
कहते हैं यहाँ पर आकर श्री राम जी ने नौ दिनों तक देवी की उपासना की थी जिससे देवी ने प्रसन्न हो राम जी को विजय-श्री का आशीर्वाद देती हैं | जिस कारण इस स्थान पर देवी के मंदिर का निर्माण किया गया वर्तमान में देशभर से लोग इस मंदिर के दर्शनों के लिए आते रहते हैं |
भवानी माता मंदिर महत्व
मंदिर का निर्माण बहुत ही सुंदर तरह से किया गया है जिससे इसकी भव्यता का एहसास होता है मंदिर के गर्भगृह में चाँदी का उपयोग किया है दीवारों पर चाँदी से नक्काशी की गई है जो देखने में अनूठी प्रतीत होती है देवी पर चाँदी का छत्र सुशोभित किया गया है माता के मुकुट को चांदी एवं मीनाकारी से सजाया गया है | मंदिर में होने वाले भक्ति पाठ व धूप दीप द्वारा मंदिर का वातावरण सुवासित रहता है |
मंदिर द्वार का स्तम्भ शंख आकृति का बना हुआ है मंदिर परिसर के भीतर विशाल दीपशिखा का निर्माण हो रखा है | जिस पर शंख आकृति के दीप बने हुए हैं जो बहुत ही सुंदर प्रतीत होते हैं | माता के मंदिर के समीप ही अन्य मंदिर भी स्थापित है जिसमें से श्रीराम मंदिर, हनुमान मंदिर तथा तुलजेश्वर महादेव मंदिर जैसे प्रमुख मंदिर हैं |
भवानी माता के मंदिर के पास ही श्रीराम मंदिर, तुलजेश्वर हनुमान मंदिर और तुलजेश्वर महादेव मंदिर स्थित हैं इन मंदिरों में स्थापित मूर्तियाँ अत्यंत दर्शनीय हैं जहां सभी की मुरादें होती हैं | तुलजा भवानी का यह मंदिर संपूर्ण क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केन्द्र है. यहाँ पर अनेक उत्सवों का आयोजन होता है जिसमें से राम नवमी दुर्गा पूजा काफी उत्साह के साथ मनाए जाते है |
नवरात्रि के समय यहाँ पर मेले का आयोजन होता है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहाँ पहुँचते हैं | इस अवसर पर मंदिर की ओर से विशेष इंतजाम किए जाते हैं | माता के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालु भक्त यहाँ आते हैं तथा अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं |
Bhavani MataTemple Khandwa