26.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

अम्बेडकर और महात्मा गांधी में श्रेष्ठ कौन?

B R Ambedkar Babasaheb mahatma gandhi

दोस्तों, करीब तीन वर्ष पहले एक प्राइवेट न्यूज चैनल ने सर्वे कराया था। सर्वे का सवाल था कि गांधी के बाद दुसरा सबसे महान भारतीय कौन है? परिणाम डॉ. अम्बेडकर के रुप में सामने आया। सर्वे के रिपोर्टों ने नेहरु, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, सचिन तेंदुलकर आदि सभी को खारिज कर दिया था। खैर मेरा व्यक्तिगत मत है और संभव है कि आप भी इस तथ्य से सहमत हों कि यदि सवाल “गांधी के बाद दुसरा सबसे महान भारतीय” के बजाय “सबसे महान भारतीय” होता तो निश्चित तौर पर बाबा साहब पहले नम्बर पर होते।

खैर जब हम बाबा साहब और महात्मा गांधी की बात करते हैं तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि दोनों की चिन्तन धारा ने वर्तमान युग के सामाजिक जीवन को सर्वाधिक प्रभावित किया है। एक हद तक दोनों के लक्ष्य समान थे। शोषण मुक्त समाज हो किसी भी प्रकार का समाज में भेदभाव ना हो, सभी व्यक्ति अमन चैन से जीवन व्यापन करें, इज्जत तथा इमान के साथ अपना रोजी रोटी प्राप्त करें और समाज परिग्रह मुक्त हो। दोनों ने जीवन पर्यन्त शोषित-सर्वहारा के उन्नयन विकास के लिए कार्य किया। उनकी चिन्तनधार और जीवन दर्शन की अमिट छाप आज भी करोड़ो देशवासियों के दिलो दिमाग पर बसी हुई है। गांधी एवं अम्बेडकर भारत के हर नगर और गांव में अपनी पहचान बनाये हुई है गांधीजी ने सत्य और अहिेंसा का दर्शन देकर समाज को पतन से बचाने का हर संभव प्रयास किया है वहीं अम्बेडकर ने दलितों कि दयनीय स्थिति को ऊपर उठाकर सामाजिक समानता की ओर अदभूत मार्ग प्रशस्त किया।

डॉ. अम्बेडकर ने सभी सुधारकों और चिन्तकों से आगे बढ़कर अछूतों की समस्या को पूर्णत: राजनीतिक प्रश्न बताया और उसे राजनीतिक के ढांचे में ही हल करने का आहवान किया। डॉ. अम्बेडकर दलितों को अधिकार दिलाने के लिए एक मसीहा की तरह आगे बढ़ें। वे हिन्दू धर्म की विसंगतियों और दोषों से क्षुब्ध थे। समाज में समानता तब तक नहीं आ सकती जबतक समाज में रह रहे व्यक्ति आपस में कोई भेद भाव न रखें। डॉ. अम्बेडकर चाहते थे कि मात्र देश को स्वंतत्र कराने से काम नहीं चलेगा अपितु वह एक श्रेष्ठ राष्ट्रज् भी बने, जिसमें उसके प्रत्येक नागरिक को धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक समानता मिले। डॉ. अम्बेडकर ने अछूतों को समझाया कि मानव-मानव सब समान हैं। उनमें किसी प्रकार के भेदभाव के व्यवहार का चलन अमानवीय है और अनैतिक है। जिस समाज और धर्म में छूआछूत, असामानता, विषमता और शोषण-चक्र विद्यमान है, वह न समाज है और न धर्म।

डॉ. अम्बेडकर मानते थे कि अधिकार कानून द्वारा सुरक्षित नहीं किए जा सकते, वे तो सामाजिक और नैतिक आधार पर ही सुरक्षित हो सकते है। डॉ. अम्बेडकर कभी भी हिंसा के पक्षधर नहीं रहे। वे सदा बातचीत के माध्यम से ही जन-चेतना को प्रबुद्ध बनाए रखने के पक्षधर थे। उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष को उतना महत्व नहीं दिया, जितना जनाधार को। डॉ. अम्बेडकर न केवल एक व्यक्ति थे अपितु वे एक संस्था और समाज थे। जब व्यक्ति में समाज के प्रति सोचने समझने और समाज को अच्छी दिशा की ओर अग्रसर करने की प्रवृत्ति आने लगती है तो वह संपूर्ण हो जाता है और संपूर्णता की अनुभूति मुक्ति के द्वार पर दस्तक देने लगती है। अंबेडकर ने अनुभव किया था कि भारतीय समाज सीढ़ी-दर-सीढ़ी का ऐसा सिलसिला है जिसमें हर ऊपर की सीढ़ी का आदमी, हर नीचे की सीढ़ी के आदमी को घृणा की दृष्टि से देखता है और नीचे की सीढ़ी का आदमी अपने ऊपर की सीढ़ी के आदमी को आदर की दृष्टि से। दूसरे शब्दों में, एक ओर तो ये आदर की चढ़ती सीढ़ियाँँ हैं और दूसरी ओर घृणा की उतरती सीढ़ियाँ हैं। ऐसे समाज में समता, बंधुत्व ओर प्रजातंत्र को पनपने की रत्ती भर भी गुंजायश नहीं है।

डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे मानव-समाज की स्थापना की चेष्टा की थी जो समता, स्वतंत्रता और भ्रातृत्व भावना पर खड़ा हो और जिसकी नींव त्याग, बलिदान, समर्पण, सत्य, अहिंसा और प्यार पर रखी गई हो। यदि किसी समाज में ऐसा नहीं है तो वह समाज कैसे है ? समाज तो मानवकृत है और उसने उसे सबकी सुविधा तथा विकास के लिए बनाया है। जिस समाज में सब सूखी नहीं, वह समाज कितना सार्थक होगा, हिंदू समाज उसका ज्वलंत उदाहरण रखता है।

गांधी भी डॉ. अम्बेडकर की तरह यह चाहते थे कि सामाजिक उत्थान का कार्य निचले स्तर से प्रारंम्भ होना चाहिए क्योंकि, उनकी यह मान्यता थी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो निचले स्तर की निराशा उनको संगठित करेगी और वह वर्ग सवर्णों से आजीवन शत्रुता रखेगा। उनका मत था कि भिन्न-भिन्न राष्ट्रों और वंशों के बीच जो सबसे पिछड़े है, दबे हुए हैं, अनाथ, असहाय और हताश हैं, उन्हीं से उत्थान का कार्य का प्रारम्भ करके, सब राष्ट्रों का, सब वंशों का उत्थान करना ही धर्म, राजनीति और समाजनीति होनी चाहिए। गांधी की दृष्टि में अनुसूचित जातियों का उत्थान तब तक सम्भव नहीं था, जब तक अस्पृश्यता-निवारण के कार्य को प्रधानता न दी जाए। उनके अस्पृश्यता-निवारण का अर्थ था सवर्णों की आत्मा से इस कलंक को हटाना। वे लिखतें हैं कि, ह्यह्यमैं अस्पृश्यता के कलंक से अपने को मुक्त करने और पाप का प्रायश्चित करने के लिए ही हरिजन-उत्थान में रूचि लेता हूँ। हरिजनों की उन्नति में बाधा रखने वाले इस कृत्रिम अवरोध के हटने से उनकी नैतिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में तेजी से सुधार आएगा। अस्पृश्यता-निवारण से हम सभी एक दूसरे के करीब आएंगे और इस भारत के विभिन्न समुदायों के बीच हार्दिक एकता पैदा करेंगे। गांधी ने सामाजिक समानता लाने के लिए 1932 से ही छुआछूत निवारण हेतु आन्दोलन शुरू किया। उस समय अछुत माने जाने वाले व्यक्तियों को मंदिर प्रवेश, कुँआं, तलाब, स्कूल इत्यादि से मनाही थी।

वहीं दलितोत्थान से डॉ. अम्बेडकर का मत था कि, मंदिर प्रवेश कार्यक्रम से अस्पृश्यता को अंत नहीं होगा, बल्कि अस्पृश्यों को एक ओर नागरिक अधिकार प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक कुओं में पानी भरने, स्कूलों में सवर्ण बच्चों के साथ बैठने, बैलगाड़ियों, तांगों, नांवों, मोटरकारों के सामूहिक प्रयोग के लिये आन्दोलन करना चाहिए तथा दूसरी ओर राजनीति में भागीदारी की मांग करनी चाहिए। डॉ. साहब का यह भी मत था कि जब अस्पृश्य वर्ग का राजनीतिक, शैक्षिक, आर्थिक और धार्मिक दर्जा बढ़ेगा, तो उनका मंदिर-प्रवेश अपने आप हो जाएगा। वे वंचितों को देश के संसाधनों पर अधिकार सुनिश्चित करना चाहते थे। उनका भारत का सपना गांधी की तरह ग्राम स्वराज का सपना नहीं बल्कि एक सक्षम, समर्थ और श्रमशील भारत था जिसकी बुनियाद में भूमि सुधार शामिल था। जबकि गांधी अपने पूरे जीवन में भूमि सुधार की प्र्त्यक्ष तौर पर बात नहीं करते हैं। उनका मत था कि भारत गांवों में बसता है और जबतक गांवों का विकास नहीं होगा, वे आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे, भारत विकसित नहीं होगा। वहीं आम्बेडकर मानते थे कि यह तभी संभव होगा जब सवर्ण संसाधनों एवं अवसरों के मामले में अपने तथाकथित खानदानी विरासत का दंभ त्यागेंगे।

बहरहाल आज आम्बेडकर बाबा की जयंती है। समय है कि वे सभी राजनीतिक दल और राजनेता जो स्वयं को आम्बेडकर को अपना आदर्श मानते हैं, वे समाज के बहुसंख्यक वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए पहल करें।

लेखक — नवल किशोर कुमार [ http://www.apnabihar.org/ ] के संपादक है

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...