मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आठ साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या के मामले में दिल दहला देने वाला खुलासा हुआ है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसने पहले बच्ची की हत्या की और फिर उसकी लाश के साथ बलात्कार किया।
बच्ची की मां की मानें तो उसके शरीर में सिगरेट से जलाए जाने के निशान है जो आरोपी की हैवानियत बयां कर रहे हैं।
बच्ची का परिवार सदमे में है। घटना के बाद पुलिस ने भी संवेदनहीनता की हदें पार कर दी थीं। बच्ची की नानी ने बताया कि घटना के बाद वे लोग जब पुलिस के पास गए तो उन्हें वहां से भगा दिया गया।
बाद में कुछ स्थानीय नगर सेवकों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस उनके घर आई। घर आई पुलिस ने उल्टा उन लोगों और बच्ची पर दोष मढ़ा।
नानी का आरोप है कि उनके घर आया पुलिस वाला शायद नशे में था। उसने उन लोगों से कहा, ‘बच्ची को किसी के साथ नहीं जाना चाहिए था। आप लोग पिक्चरें नहीं देखती हैं क्या?’
बच्ची के साथ रेप और हत्या के आरोपी 35 वर्षीय विष्णु प्रसाद उर्फ बबलू को भोपाल से लगभग 250 किलोमीटर दूर ओंकारेश्वर के पास मोरटक्का में सोमवार सुबह लगभग साढ़े सात बजे गिरफ्तार किया गया था।
उसे भोपाल लाया गया, जहां उसने कहा कि अपराध करने से समय वह नशे में था। भोपाल के डीआईजी इरशाद वाली ने कहा, ‘बच्ची के शरीर में किसी भी तरह के विरोध करने वाले चोट के निशान नहीं मिले हैं। प्रबल संभावना है कि बच्ची को पहले मारा गया होगा और फिर उसका यौन शोषण किया गया।’
पुलिस ने बताया कि बच्ची आरोपी के घर के बाहर से गुजर रही थी, तभी उसने झटके से उसे अपने घर के अंदर खींच लिया था।
बच्ची का घर आरोपी के घर से कुछ कदम की दूरी पर ही है। अगर रेप के दौरान बच्ची चीखती या छटपटाती तो किसी न किसी ने उसकी आवाज जरूर सुनी होती।
डीआईजी ने कहा कि आरोपी को डर था कि बच्ची की आवाज पड़ोसियों के कानों तक जा सकती है, इसलिए उसने एक हाथ से बच्ची का मुंह बंद किया और दूसरे से उसका गला घोंट दिया। बच्ची के बेसुध होने के बाद आरोपी ने उसकी लाश के साथ रेप किया।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह नशे में था, उसे कुछ होश नहीं है। जब वह होश में आया तो बच्ची मर चुकी थी। वह घर के बाहर आया तो पता चला कि बच्ची के घरवाले उसे ढूंढ रहे थे।
दिखावे के लिए आरोपी भी घर के सदस्यों के साथ बच्ची को खोजने में लग गया। शाम को लगभग चार बजे जब बच्ची के परिजन और स्थानीय लोग थकने के बाद चाय पीने गए तो उसने चुपचाप बच्ची की लाश घर के बाहर निकाली और घर के पीछे बने नाले में फेंक दी। शाम को लगभग पांच बजे बच्ची के पिता ने उसकी लाश नाले में पड़ी देखी।
बच्ची की लाश मिलने के बाद प्रसाद डर गया और उसने अपने मोबाइल बंद कर लिया। वह इंटरसिटी एक्सप्रेस में बैठकर इंदौर चला गया। इंदौर से उसने मोरटक्का के लिए बस पकड़ी और फिर अपना मोबाइल खोला।
आरोपी का दावा है कि वह आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे पहले ही पकड़ लिया।
पुलिस ने बताया कि प्रसाद खंडवा जिले के खेरी गांव का रहने वाला है। वह भोपाल में बच्ची के घर के पास रहकर मकान बनाने का काम करता था। वह शादीशुदा है लेकिन उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया था।
उसकी बहन जिले के कमला नगर इलाके में रहती हैं। आरोपी की मां उसके साथ रहती थीं, लेकिन घटना के समय वह अपनी बेटी के पास गई थीं।
इस बीच, मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने वादा किया कि पुलिस 48 घंटे के भीतर मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी और एक महीने के भीतर इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी।