#भोपाल की स्थानीय अदालत ने विधानसभा फर्जी नियुक्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है. अदालत ने कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ यह गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इसके पहले शुक्रवार दोपहर को मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय में फर्जी नियुक्तियों के मामले में भोपाल पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित आठ आरोपियों के खिलाफ जिला अदालत में चालान पेश किया था।
दरअसल, व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद पिछले साल जहांगीराबाद पुलिस ने दिग्विजय सिंह सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है। इससे पूर्व दिग्विजय से सीएसपी ऑफिस में करीब 5 घंटों तक लगातार पूछताछ की गई. इस दौरान उनसे करीब 94 सवाल पूछे गए थे । उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच चल रहे शह और मात के खेल के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह सहित 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
[highlight]इन आठ आरोपियों के खिलाफ चालान पेश :-
1-दिग्विजय सिंह
2- अशोक चतुर्वेदी
3- एके त्यागी
4- रमाशंकर मिश्रा
5- योगेश मिश्रा
6- सुषमा द्विवेदी
7- कुलदीप पांडे
8- केके कौशल[/highlight]
दिग्विजय पर आरोप है कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के 10 वर्षों के दौरान विधानसभा में गलत तरीके से नियुक्तियां हुईं. भोपाल पुलिस ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी को भी आरोपी बनाया है । पुलिस के अनुसार, वर्ष 1993 से 2003 तक विधानसभा में नियुक्तियां हुई थीं. इन नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें सामने आईं. राज्य सरकार ने शिकायतों की जांच कराई, जिसमें 17 लोगों की संलिप्तता पाई गई ।
बताया गया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा के उपसचिव ने 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश की. पुलिस ने एक कदम आगे बढ़कर 19 लोगों को आरोपी बनाया.आरोप है कि इन्होंने विधानसभा में गलत तरीके से 17 लोगों का नियुक्त किया ।
भोपाल दक्षिण के पुलिस अधीक्षक अंशुमान तिवारी ने बताया कि विधानसभा के उपसचिव की शिकायत के आधार पर जहांगीराबाद थाने की पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ धारा 420, 468 और 120 के तहत प्रकरण दर्ज किया है । FILE PIC @डेस्क