भोपाल : प्रदेश में चल रहे आईएसआई नेटवर्क में अब तक एटीएस जहां बलराम सिंह को पूरे गिरोह का सरगना बता रही थी, वहीं अब राजीव तिवारी ऊर्फ रज्जन का नाम मुख्य कर्ताधर्ता के तौर पर सामने आ रहा है।
मंगलवार को सतना से हिरासत में लिए गए राजीव को बुधवार को कोर्ट में पेश करने के दौरान उसकी रिमांड को लेकर दिए तर्क में एटीएस ने बताया कि राजीव के कहने पर बलराम यह काम कर रहा था और आईएसआई नेटवर्क से जुड़ने के लिए उसे राजीव ने ही कहा था।
कोर्ट ने राजीव को 21 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं इस मामले में ध्रुव सक्सेना, मनीष गांधी और मोहित अग्रवाल की रिमांड खत्म होने के पहले ही एटीएस ने तीनों को जेल भेजने की सिफारिश की, जिसे कोर्ट ने मंजूर करते हुए 27 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एटीएस ने कहा कि तीनों युवकों से जो सिम बॉक्स बरामद करने थे, वो कर लिए गए हैं। इसके साथ ही जो पूछताछ करनी थी, वो भी लगभग हो चुकी है।
कोर्ट में एसटीएस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बलराम ने पूछताछ में बताया है कि उसे राजीव ने आईएसआई नेटवर्क से जोड़ा। राजीव के कहने पर ही वो आईएसआई एजेंट व हैंडलर्स के संपर्क में आया। बलराम के अनुसार राजीव ने ही उसे एक फोन दिया था, जिसमें सिर्फ इनकमिंग कॉल एक्टिव थी, यानी इस फोन से कॉल नहीं किया जा सकता था।
2008 में सतना के केन्द्रीय जेल अधीक्षक रहेसंजय पाण्डेय (अब डीआईजी जेल मुख्यालय) की हत्या की साजिश रचने वाले सिमी आंतकियों को पनाह देने और उन्हें हथियारों की सप्लाई करने में भी रज्जन का हाथ रहा है। रज्जन आईएसआई को फंडिंग करने की जुगाड़ बनाता था। वह ग्रामीणों के जनधन खाते खुलवाकर उनका इस्तेमाल करता था। साथ ही हवाला के पैसों को जासूसी में लगे एजेंटों के खाते में ट्रासंफर करता था।
आईएसआई एजेंट से बात पहले राजीव करता था और मुझे दिए गए फोन को वो कॉन्फ्रेंस में लेता था, राजीव उनके सामने ही मुझे बताता था कि मुझे क्या करना है। बैंक के फर्जी खाते और एटीएम भी राजीव ने ही मुझे दिए थे। राजीव ही उसे बताता था कि किसके खाते में कब और कितना पैसा डालना है।
राजीव उचेहरा थाना इलाके के पोढ़ी गांव पोस्ट पिथौरा जिला सतना का रहने वाला है। गांजा, शराब और अवैध हथियारों की तस्करी करना इनका पुराना धंधा है। रज्जन की पहचान कुख्यात गांजा तस्कर अनूप जायसवाल उर्फ जस्सा के लिए काम करने वाले के तौर पर थी। जस्सा भी अंतराज्यीय गिरोह का सरगना है। इसका नेटवर्क देश के उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश तक फैला हुआ था।
जस्सा अभी जेल में बंद है। वहीं बलराम के गिरफ्तार होने के बाद वह राजीव लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। इसी दौरान मैहर पुलिस ने बदेरा इलाके में एक गांजा व्यापारी के साथ राजीव को गिरफ्तार कर लिया और उसे मैहर जेल में बंद किया था। यहां से एटीएस मंगलवार को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर उसे भोपाल लाई थी।