नई दिल्ली : भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार को एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट की वजह से निवेशकों के 11.42 लाख करोड़ रुपये डूब गए। 50 शेयरों पर आधारित निफ्टी 9 फीसदी टूट गया और 950 अंकों की गिरावट के साथ 9508 अंक पर चला गया जो जून 2017 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है।
वहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स भी 8.97 फीसदी या 3204 अंक गिरकर 32493 अंक पर पहुंच गया जो कि 23 महीने में इसका सबसे निचला स्तर है।
दुनिया में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना वायरस की वजह से निवेशकों का मनोबल पिछले कुछ दिनों से डांवाडोल था जो गुरुवार को और गिर गया क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है।
वैश्विक वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल के बीच 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 2,919.26 अंक या 8.18 प्रतिशत टूट कर 32,778.14 के स्तर बंद हुआ।
शेयरों के भाव टूटने से निवेशकों की बाजार हैसियत को 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण बुधवार को कारोबार खत्म होने पर 137.12 लाख करोड़ रुपये था, जो गुरुवार को कारोबार के अंत में घटकर 125.86 लाख करोड़ रुपये रह गया।
व्यापारियों ने कहा कि वैश्विक रुख के अलावा विदेशी फंड के लगातार बाहर जाने के चलते निवेशकों की भावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को सकल आधार पर 3,515.38 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।
बीएसई में 2,243 शेयरों में गिरावट आई और सिर्फ 224 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 106 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।