वाशिंगटन – अमेरिका ने आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान को एक बार फिर घेरा है। अमेरिका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने लश्कर-ए-ताइबा (एलईटी) जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इस आतंकी संगठन का इस मुल्क में संचालन, प्रशिक्षण, रैलियां, दुष्प्रचार और पैसा जुटाना अभी भी जारी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन आतंकियों के निशाने पर अभी भी भारत है।
अमेरिका के विदेश विभाग ने 2014 के आतंकवाद पर जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा, ‘पाक की फौज ने पाकिस्तान के भीतर तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ तो अभियान जरूर चलाए लेकिन उसने लश्कर-ए-ताइबा जैसे अन्य संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। जबकि ये आतंकी संगठन पाकिस्तान के भीतर अभी भी रैलियां और दुष्प्रचार करने के साथ अपनी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के साथ ही खासे सक्रिय हैं।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि पाकिस्तान के सैन्य अभियानों ने इन आतंकी संगठनों की कार्रवाई बाधित जरूर की लेकिन इसमें उन्हें सीधे तौर पर निशाना नहीं बनाया है। इसमें कहा गया है कि भारत अभी भी आतंकी हमलों का निशाना बना हुआ है, जिसमें माओवादी विद्रोहियों के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय समूहों द्वारा चलाए जा रहे अभियान भी शामिल हैं।
इसमें कहा कि आतंकी हिंसा के स्तर में कोई 2103 की तुलना में कोई बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भारतीय अधिकारी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को मदद देने का पाकिस्तान पर बराबर आरोप लगाते रहे हैं। तीन सितंबर को अल कायदा ने भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी नई शाखा खोलने की घोषणा की थी।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों के नेतृत्व के लिए पाकिस्तान अभी भी महफूज ठिकाना बना हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरियास (फाटा), पश्चिमोत्तर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के हिस्से अभी तक आतंकी संगठनों के सुरक्षित पनाहगाह बने हुए हैं, जिसका फायदा उठाकर अल कायदा, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी समेत अन्य आतंकी संगठन पाकिस्तान समेत दुनिया भर में आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।