भोपाल : मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आ चुकी है, ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव प्रचार में पुरी तरह से जुटे हैं। शिवराज सिंह के सामने सबसे बड़ी मुश्किल प्रदेश के मुख्य मतदाता सवर्ण और एससी/एसटी दोनों को खुश करना है। दरअसल जिस तरह से केंद्र सरकार ने एससी/एसटी एक्ट में बदलाव किया है उसके बाद दोनों ही समुदाय एक दूसरे के खिलाफ हैं। लेकिन प्रदेशभर में अपनी चुनावी यात्रा के दौरान माना जा रहा है कि शिवराज सिंह दोनों ही वर्ग को खुश पाना आसान चुनौती नहीं है।
दरअसल सवर्णों ने मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एससी/एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट नेन बिना जांच पड़ताल के एससी/एसटी के तहत किसी भी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने के फैसले को एकपक्षीय बताया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने संसद में संशोधन पास किया और कोर्ट का फैसला पलट दिया गया। प्रदेश में कई जगहों पर सवर्णों ने सरकार के फैसले के खिलाफ पोस्टर लगाए थे और इस संशोधन को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे।
सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक अधिकारी आवाम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष केदार सिंह तोमर ने कहा कि हम सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन तबतक जारी रखेंगे जबतक इस संशोधन को वापस नहीं लिया जाता है। सवर्णों के इस प्रदर्शन से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है कि विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा मतदाता उससे दूर ना हो जाए। यही वजह है जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसी को भी बिना सही जांच पड़ताल के गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हालांकि सरकार की ओर से यह साफ नहीं किया गया है कि आखिर कैसे कानून के खिलाफ यह ऐलान किया गया है और इसे लागू किया जाएगा।
सरकार के ऐलान के बाद एससी/एसटी समुदाय ने शिवराज चौहान की आशीर्वाद यात्रा को बाधित करने का ऐलान किया था। इन लोगों ने सवाल खड़ा किया था कि आकिर कैसे कानून को दरकिनार कर इसे लागू किया जाएगा। अल्पसंख्यक और पिछड़ा समुदाय के नेता हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि हम सीएम की यात्रा के सामने प्रदर्शन करेंगे, आखिर कैसे उन्होंने इस तरह का ऐलान किया है। पिछड़े वर्ग को लगता है कि शिवराज सरकार ने सवर्णों को लुभाने के लिए इस तरह का ऐलान किया है।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कुल 38 फीसदी पिछड़ा आबादी है और 12 फीसदी सवर्ण। सवर्ण हमेशा से ही भाजपा के मुख्य मतदाता रहे हैं, लेकिन पिछले 15 वर्षों में पिछड़ा वर्ग ने भी भाजपा को अपना समर्थन दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों को यह संदेश दिया गया है कि बिना विस्तृत जांच के किसी को भी एससी एसटी एक्ट में गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि किसी के साथ नाइंसाफी ना हो।