पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Assembly Budget Session) के दौरान बीते तीन-चार दिनों से बयानों व टिप्पणियों से मर्यादाएं टूट रहीं हैं। इस कड़ी में बुधवार को तब हंगामा खड़ा हो गया, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की सरकार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) कोटे से मंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Speaker Vijay Kumar Sinha) के खिलाफ टिप्पणी कर दी। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) के इतिहास में संभवत: यह पहली घटना है, जिसमें किसी मंत्री के विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ टिप्पणी पर ऐसा हंगामा खड़ा हो गया है। अब अध्यक्ष मंत्री की माफी के लिए अड़ गए तो मंत्री ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इस बीच सदन की कार्यवाही घंटों ठप रही। भोजनावकाश के बाद मंत्री के माफी मांगने पर सदन की कार्रवाही दोबारा शुरू हो सकी।
विधानासभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने प्रश्नोत्तर काल में मंत्री सम्राट चौधरी से कहा कि उनके विभाग का ऑनलाइन जवाब नहीं आया है। इसपर मंत्री ने कहा 16 में से 14 प्रश्नों के जवाब दे दिए जाने की बात कही। इसपर अध्यक्ष ने कहा कि सुबह नौ बजे तक केवल 11 प्रश्नों के जवाब आए थे। इसी पर मंत्री ने कहा कि वे व्याकुल न हों। अध्यक्ष ने मंत्री से अपने शब्द वापस लेने को कहा, जिससे मंत्री ने इनकार कर दिया। इसके बाद अध्यक्ष ने 12 बजे तक सदन को स्थगित कर दिया। फिर सदन को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया।
भोजनावकाश के बाद विधानसभा में मंत्री सम्राट चौधरी ने माफी मांगी। कहा कि उनके आचरण से विधानसभा अध्यक्ष की भावना आहत हुई है तो वे माफी मांगते हैं। वे आसन का सम्मान करते हैं। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सात मिनट देर से शुरू हुई। विधानसभा में इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी खेद प्रकट किया। इसके बाद सदन की कार्रवाही शुरू हो सकी।
विधानसभा के ज्ञात इतिहास में यह पहली घटना है जब मंत्री की झिड़की से विधानसभा अध्यक्ष कुपित होकर आसन छोड़कर चले गए। वैसे सत्र के शुरू होने के समय से ही कुछ मंत्रियों के साथ विधानसभा अध्य्क्ष विजय कुमार सिन्हा के रिश्ते तल्ख चल रहे हैं। इससे पहले उनकी उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से झड़प हुई थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें भी विभाग का सवाल ऑनलाइन न भेजने के लिए झिड़की दी थी।
इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष को मनाने में सत्ता पक्ष के तमाम नेता लगे रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बीच-बचाव की भूमिका में रहे। उन्होंने फोन पर विधानसभा अध्यक्ष से बात की। अंतत: मामला सुलझ गया।