बिहार : पुलिस की स्पेशल ब्रांच, आरएसएस (RSS) और उसके सभी सहयोगी संगठनों के बारे में जानकारी जुटा रही है। 28 मई को एक पत्र को विभाग के सभी बड़े अधिकारियों को प्रेषित किया गया है। विशेष शाखा के पुलिस अधीक्षक ने सभी क्षेत्रीय पुलिस उपाधीक्षकों और सभी जिला विशेष शाखा पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक हफ्ते में आरएसएस और उससे जुड़े सहयोगी संगठनों की पूरी जानकारी जुटाएं। इन संगठनों के पदाधिकारियों के नाम, पता, दूरभाष और व्यवसाय के बारे में जानकारी मांगी गई है।
पत्र में आरएसएस समेत 19 संगठनों के नाम हैं। जिनमें विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू महासभा और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी शामिल हैं। वहीं इस मामले में सरकार का कहना है कि ये एक रुटीन प्रक्रिया है।
बता दें कि आरएसएस को भारतीय जनता पार्टी का वैचारिक संरक्षक कहा जाता है। इसकी स्थापना 27 सितंबर 1925 को डॉ केशव हेडगेवार ने की थी। इस समय इसके सरसंघचालक मोहन भागवत हैं।
इस मुद्दे पर आज बिहार विधानसभा के बाहर आरजेडी ने प्रदर्शन किया। आरजेडी की मांग है कि आरएसएस पर बैन लगे। वहीं आरएसएस के प्रांतीय प्रचारक राजेश पांडे ने कहा, ‘आरएसएस एक पारदर्शी संगठन है। कोई भी इसकी जानकारी ले सकता है। इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है। लेकिन बिहार पुलिस द्वारा जिन संगठनों की सूची जारी की गई है, उनमें कई ऐसे हैं जिनके नाम मैंने पहली बार सुने हैं और इस वजह से मैं खुद हैरान हूं।’