नई दिल्ली- राज्यसभा में मंगलवार को सिख गुरुद्वारा कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया गया था जिसको आज अनुमति मिल गई ! राज्य सभा में आज यह विधेयक पास होने की खबर है !
नर्इ दिल्ली- राज्यसभा ने आज सिख गुरूद्वारा संशोधन विधेयक बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पारित कर दिया जिसमें गुरूद्वारा प्रबंधन बोर्ड एवं समिति के सदस्यों के निर्वाचन में सहजधारी सिखों को मिले अधिकारों को समाप्त करने का प्रावधान है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विधेयक को पारित करने के लिए उच्च सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। केश कटा चुके सिखों को सहजधारी सिख कहते हैं। विधेयक के पारित होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने सदस्यों को धन्यवाद दिया।
विधेयक में सिख समुदाय की धार्मिक संस्थाओं के चुनाव में सहजधारी सिखों को मतदान के अधिकार से दूर रखने का प्रस्ताव है। इन्हें 1944 में यह अधिकार दिया गया था।
ज्ञात हो कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया। विधेयक में कानून के अंतर्गत गठित होने वाले बोर्ड और समितियों के सदस्यों के चुनाव में सहजधारी सिखों को मिले मतदान का अधिकार समाप्त करने का प्रस्ताव है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में सिख गुरुद्वारा कानून, 1925 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यह संशोधन आठ अक्टूबर 2003 से प्रभावी माने जाएंगे।
सिख गुरुद्वारा संशोधन विधेयक में आठ अक्टूबर 2003 को जारी गृह मंत्रालय की अधिसूचना का हिस्सा भी शामिल है। यह अधिसूचना पंजाब पुनर्गठन कानून 1966 के तहत संसद द्वारा प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत जारी की गई थी। हालांकि 20 दिसंबर 2011 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस अधिसूचना को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने विधायिका से इस बारे में फैसला लेने के लिए कहा था।