झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू का गठबंधन टूट गया है।
दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने के बाद यह गठबंधन टूटा। अब भाजपा प्रदेश की 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
भाजपा की सहयोगी आजसू ने बिना भाजपा से बात किए 12 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया था। इनमें तीन सीटों पर भाजपा ने भी उम्मीदवारों की घोषणा की थी।
इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी भाजपा से दूर होने की घोषणा की थी। पार्टी ने कहा था कि वह झारखंड विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी।
लोजपा के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी ने गठबंधन से जिन सीटों की मांग की थी, उनमें से अधिकांश सीटों पर भाजपा, उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में उनकी पार्टी राज्य में विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी।
चिराग पासवान ने कहा था कि लोजपा इस बार ‘टोकन के रूप में दी जाने वाली सीटों’ को स्वीकार नहीं करने वाली है।
उन्होंने कहा कि हमने गठबंधन के तहत छह सीटों की मांग की थी पर इन सभी सीटों के बारे में रविवार को भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है।
भाजपा नेताओं का मानना है कि क्षेत्रीय दल के पास राज्य में मतदाताओं को देने के लिए कुछ खास नहीं है। भाजपा और लोजपा बिहार में गठबंधन सहयोगी हैं।
बिहार में भाजपा की अन्य सहयोगी जद(यू) ने भी झारखंड चुनाव में अकेले उतरने का एलान किया था।