नई दिल्ली– कयास लगाये जा रहे हैं कि जम्मू एवं कश्मीर का राजनैतिक गतिरोध अगले हफ्ते तक खत्म हो सकता है और राज्य में जल्द ही पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार काम करती नजर आ सकती है।
सूत्रों की मानें तो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार फरवरी खत्म होने से पहले अस्तित्व में आ सकती है। महबूबा अभी तक यह कह रही थीं कि वह मुख्यमंत्री पद तभी संभालेंगी जब केंद्र सरकार विश्वास बहाली के कुछ उपायों का ऐलान करेगी।
लेकिन, अब लग रहा है कि उन्होंने भाजपा से हाथ मिलाने का फैसला कर लिया है।भाजपा सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि भाजपा महासचिव तथा जम्मू एवं कश्मीर में पार्टी मामलों के प्रभारी राम माधव, महबूबा मुफ्ती से बात करने के लिए अगले हफ्ते आने वाले हैं।यहाँ भी पढ़े:पीडीपी ने कश्मीर में विश्वास बहाली उपायों पर जोर दिया !
एक वरिष्ठ भाजपा नेता के मुताबिक “गठबंधन के एजेंडे पर पुनर्विचार नहीं होगा। इस बात को हमने साफ कर दिया है। राम माधवजी, महबूबाजी से यही कहेंगे कि एजेंडे पर पुनर्विचार संभव नहीं है लेकिन इस पर अक्षरश: अमल किया जाएगा। ”भाजपा नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी महबूबा के मुख्यमंत्री पद के शपथ लेने की पूर्व शर्त के रूप में अलगवादियों से वार्ता को मंजूरी नहीं देगी। न ही आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (आफ्सपा) को आंशिक या पूरी तौर से वापस लेने पर सहमत होगी और न ही सेना से वे जमीनें खाली करने की बात का समर्थन करेगी जिन पर सेना का कब्जा है।
भाजपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “सच्चाई यह है कि गठबंधन बना हुआ है और हम जल्द ही जम्मू एवं कश्मीर में सरकार बनाने जा रहे हैं।”महबूबा ने कहा था कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि उनके पास उनके पिता (दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद) जैसे ‘मजबूत कंधे’ नहीं हैं। इस पर भाजपा नेता ने कहा, “महबूबा को इस बात का हक है कि वह दोनों दलों से पूर्ण समर्थन को सुनिश्चित करें।”