नई दिल्ली: अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद कभी भी इसका फैसला आ सकता है। ऐसे में सरकार और प्रशासन किसी भी तरह की कानून व्यवस्था ना बिगड़ने पाए इसके लिए एहतियात बरत रही है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने अपने तमाम नेताओं कार्यकर्ताओं के लिए आचार संहित जारी की है। जिसमे कहा गया है कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी भी तरह का भड़काऊ या फिर विवादित बयान ना दें।
इस बाबत पार्टी की ओर से क्षेत्रवार बैठक की गई है, जिसमे तमाम नेताओं को चेतावनी दी गई है कि कोई भी नेता कोर्ट के फैसले के बाद तबतक कोई बयान ना दे जबतक प्रधानमंत्री नरेंद्र या फिर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद सामने आकर कोई बयान नहीं देते हैं। सोमवार को भाजपा के तमाम महासचिवों की बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की, यह बैठक नई दिल्ली में की गई थी। इसके अलावा दक्षिण भारत के नेताओं के लिए बेंगलुरू मे भी पार्टी की ओर से एक बैठक की गई। पूर्वी भारत के लिए कोलकाता में और पश्चिम भारत के नेताओं के लिए मुंबई में पार्टी की ओर से बैठक की गई और फैसले के दिन के लिए जारी आचार संहिता की जानकारी दी गई।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि फैसले के दिन क्या कहना है और क्या नहीं कहना है इसको लेकर एक लिस्ट जारी की गई है। किसी भी नेता को इस मसले पर बयान नहीं देना है। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोर्ट का फैसला आने के बाद बयान देंगे। जबकि मंत्रियों को दिशानिर्देश का इंतजार करना होगा। पार्टी की ओर से भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह सबसे पहले इस मसले पर अपना बयान देंगे, उसके बाद ही पार्टी के दिशानिर्देश पर किसी भी तरह का बयान पार्टी के नेता दे सकते हैं।