मुंबई- कृषि संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं तो वहीँ दूसरी तरफ भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने विवादास्पद टिप्पणी करते हुए किसानों की आत्महत्या को जिंदगी खत्म करने का ‘‘फैशन’’ और ‘‘चलन’’ करार दिया है।
बोरीवली में आयोजित एक समारोह में उत्तर मुंबई का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद शेट्टी ने कहा, सब किसानों की आत्महत्या बेरोजगारी और भुखमरी के कारण नहीं होती। एक फैशन-सा चल निकला है। यह एक चलन हो गया है।
शेट्टी ने कहा, यदि महाराष्ट्र सरकार मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपये दे रही है तो पड़ोसी राज्य में कोई दूसरी सरकार सात लाख दे रही है। पहली बार सांसद बने शेट्टी ने कहा, किसानों को मुआवजे में धन देने के लिए इन लोगों के बीच होड़ लगी हुई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही बंबई उच्च न्यायालय को बताया था कि इस साल जनवरी से अब तक 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा था कि इस भयावह कृषि संकट से निपटने के लिए सरकार किस तरह की मदद उपलब्ध करा रही है? इसे एक गंभीर मुद्दा मानते हुए, न्यायाधीश नरेश पाटिल की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से कहा था कि वह उच्च न्यायालय को बताएं कि क्या केंद्र इस संकट से उबरने के लिए राज्य को योजनाएं एवं आर्थिक मदद उपलब्ध कराने में योगदान दे सकता है? महाधिवक्ता श्रीहरि एने ने पीठ को बताया था कि पिछले डेढ़ माह में 124 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, जिनमें से 20 मामले अकेले उस्मानाबाद से आए हैं।