मुंबई : अगले आम चुनाव में भाजपा का साथ छोड़ने का ऐलान करने वाली कट्टर हिंदूवादी पार्टी शिवसेना ने अपनी सहयोगी पार्टी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा है कि भाजपा ने अगर अपने मौजूदा सहयोगियों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति कायम नहीं की तो उसे जल्द ही दूसरे ग्रह से अपने गठबंधन के सहयोगी ढूंढने पड़ेंगे। शिवसेना का ये बयान आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें भी शायद बीजेपी से खुद को अलग करने को मजबूर होना पड़ेगा।
अपने मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने आरोप लगाया कि बीजेपी, अपने गठबंधन के साथियों के प्रति ईमानदार नहीं है। शिवसेना का मानना है कि आने वाले दिनों में बीजेपी को भारत में कोई गठबंधन साथी नहीं मिलेगा और इसके लिए उन्हें किसी और ग्रह से तलाश करनी होगी। संपादकीय में आगे कहा गया है कि बीजेपी की सही तस्वीर और मोदी लहर की हकीकत अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पता चलेगी।
शिवसेना का कहना है कि हम ने महाराष्ट्र में उनके साथ अच्छा व्यवहार किया लेकिन वे हमारे प्रति ईमानदारी से पेश नहीं आए। यहां तक कि शिरोमणि अकाली दल भी इस गठबंधन से नाराज थी। आगे लिखा कि जब कोई इस मसले पर बोलने तक को तैयार नहीं था, तब शिवसेना ही थी जिसने पहली बार बीजेपी के बर्ताव पर सवाल उठाया था।
शिवसेना तो नाराज चल ही रही थी, टीडीपी नेता और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी बीजेपी से नाराजगी के संकेत दिए हैं। नायडू ने NDA से अलग होने की संभावनाओं पर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा की आंध्र इकाई के नेताओं की ओर से TDP की आलोचना पर पहली बार प्रतिक्रिया दे रहे नायडू ने कहा कि इनको नियंत्रण में करना भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का काम है।
शनिवार को नायडू ने स्पष्ट कहा कि हम भाजपा के साथ मित्रता का धर्म निर्वाह कर रहे है लेकिन अगर वो नहीं चाहते कि हम आगे भी गठबंधन में रहें तो हम अपना रास्ता अखित्यार करेंगे। नायडू का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बीते कई दिनों से आंध्र में यह चर्चा का विषय है कि क्या जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSR कांग्रेस से भाजपा हाथ मिला सकती है?