नई दिल्ली – मिस्ड कॉल के जरिये सदस्यता अभियान चला रही भाजपा इन दिनों परेशानियों से जूझ रही है। बीते 29 अप्रैल तक करीब 6.5 करोड़ लोगों ने सदस्यता के लिए उपलब्ध कराए गए टोल फ्री नंबर पर मिस कॉल तो दिए, मगर सदस्यता लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इसे देखते हुए भाजपा ने 31 मार्च को खत्म हो रहे सदस्यता अभियान को एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है। उल्लेखनीय है कि इस समय पार्टी के सदस्यों की संख्या नौ करोड़ के आसपास पहुंच गई है। जबकि सदस्यता के लिए आए मिस्ड कॉल की संख्या 15 करोड़ से ज्यादा है।
दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने का सपना संजोए भाजपा अपने सदस्यता अभियान को लेकर नए सिरे से सक्रिय हुई है। शाह ने निर्देश दिया है कि अगले एक महीने में लोकसभा में पार्टी के पक्ष में मतदान करने वाले 17.3 करोड़ मतदाताओं में से ज्यादातर लोगों से संपर्क साधा जाए।
दरअसल 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने सदस्यता हासिल करने के लिए जारी नंबर पर कॉल तो कर दिए, मगर जब इसके जवाब में एमएमएस के जरिये पते की जानकारी मांगी गई तो इन लोगों ने जवाब ही नहीं दिया।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा आंकड़े में बड़े गड़बड़झाले की संभावना से इंकार करते हैं। शर्मा कहते हैं कि अगर महज मिस्ड कॉल को ही हम सदस्यता मानते तो यह संख्या 9 करोड़ नहीं बल्कि 15 करोड़ होती।
हालांकि सदस्यता पर भाजपा के दावे को लेकर के एन गोविन्दाचार्य ने एक अखबार से बातचीत में कहा कि प्राथमिक सदस्यता अभियान में महज संख्या बढ़ाने का प्रयास है, गुणवत्ता गायब है। यह कवायद केवल संख्या बढ़ाने की दृष्टि से कोटा एवं खानापूर्ति है। यह सदस्यता नि:स्वार्थ भाव से नहीं बल्कि सत्ता लोलुपता के कारण है। सत्ता का कलेवर उतरते ही यह संख्या खिसक जाएगी।
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