बीजेपी सांसद नाना पटोले ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गैरहाजिर होकर अपनी नाराजगी साफ जाहिर की है। पटोले ने कहा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र गोंडिया में पहले से तय कार्यक्रम में व्यस्त थे, इसी वजह से उन्होंने इस अहम बैठक में शिरकत नहीं की।
वैसे पटोले की अनुपस्थिति को लेकर कई बातें कही जा रही हैं। हाल ही में पटोले ने कहा था, ‘सरकार ने किसानों के लिए कुछ खास नहीं किया, इसीलिए वह मीटिंग में शामिल नहीं हुए।’
हालांकि बीजेपी सूत्रों का कहना है कि गोंडिया से सांसद पटोले की नाराजगी इस बात को लेकर है कि बीजेपी ने एनसीपी को एनडीए में शामिल होने का न्योता क्यों दिया? 2014 के लोकसभा चुनाव में नाना पटोले ने एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को हराया था।
बीजेपी नेता ने नाम नहीं बताने के शर्त पर बताया, ‘जब से एनसीपी को एनडीए में शामिल होने का ऑफर मिला, पटोले जंग के मूड में आ गए हैं। प्रफुल्ल पटेल को कैबिनेट में मंत्री पद देने की पेशकश भी नहीं की गई, लेकिन वह इस फैसले का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उनकी बातें नहीं सुनी जा रही हैं, इसीलिए वह किसानों की समस्या और खुदकुशी का मामला उठा रहे हैं।’
हालांकि पटोले ने इसे नकार दिया है। पटोले का कहना है, ‘मेरा संसदीय इलाके में पहले से ही कार्यक्रम तय था, इसीलिए मैं बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिरकत नहीं कर पाया। किसानों की समस्या उठाने से एनसीपी के एनडीए में शामिल होने से कोई संबंध नहीं है। जब देवेंद्र फणनवीस सरकार बनी थी तो एनसीपी ने इसे समर्थन देने का ऑफर दिया था। मैंने प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ पहले भी लड़ाई लड़ी है और अब इसे लेकर चिंतित बिल्कुल नहीं हूं।’