सूरत में भाजपा के सांसद और फिल्मी अभिनेता परेश रावल ने सोमवार को आयोजित एक जनसभा में अपने ही अंदाज में एक विवादास्पद बयान दिया । उन्होंने कहा कि मटन खाने से उर्दू नहीं आने लगती है। ना ही जनेऊ पहनने से कोई ब्राह्मण हो जाता है।
उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदू बनने निकले हैं, तो नवरात्रि का निर्जला व्रत रखकर भी दिखाएं। रावल यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक अन्य सभा में कहा बाप की चप्पल पैर में डालने से बाप की चाल नहीं आ जाती है।
कोट सफिल रोड की सभा में उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि हिंदू बनने निकले हो तो, मंदिर जा रहे हो तो नवरात्रि में नौ दिन का उपवास भी रखना। उन्होंने कहा कि मटन खाने से उर्दू नहीं आती और जनेऊ पहनने से कोई ब्राह्मण नहीं बन जाता।
पाटीदार आरक्षण के मुद्दे पर परेश रावल ने कहा कि आरक्षण आंदोलन के नेता कांग्रेस के साथ हो गए हैं। कांग्रेस ने सरदार का अपमान किया है। 1990 तक संसद हॉल में कांग्रेस ने सरदार की फोटो तक नहीं लगाई थी, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लगवाया। सभा में परेश रावल ने करीब 40 मिनट तक भाषण दिया।
परेश ने कहा कि कांग्रेस गुजरात में लोगों को बांटने की राजनीति कर रही है। 2002 से गुजरात में विकास हो रहा है। कांग्रेस को वोट देने से पहले आप अपनी अंतरात्मा से पूछें कि आप मोदी को चाहते हैं या राहुल गांधी को।
पाटीदारों के बारे में कनाणी जब बोल रहे थे तो उसी दौरान सभा से एक पाटीदार युवक ने जय पाटीदार, जय सरदार का नारा लगाते हुए कहा कि अहमदाबाद के जीएमसी मैदान में जो पाटीदारों के साथ हुआ था, उसकी बात क्यों नहीं करते।
नाना वराछा में परेश रावल की सभा के आखिरी वक्त में पाटीदार युवकों ने शोर-शराबा करना शुरू कर दिया। एक युवक को सुरक्षाकर्मी स्टेज के पीछे ले गए थे। इसकी वजह से पाटीदारों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
विरोध होता देख परेश रावल अपने दल के साथ वहां से रवाना हो गए। उनके जाने के बाद पुलिस ने विरोध को शांत कराया। इधर, पूरे स्टेज को पांच मिनट में ही हटा दिया गया।