खरगोन- विगत दिनों खरगोन-बडवानी लोकसभा सांसद सुभाष पटेल द्वारा खुले मंच से कांग्रेसी विधायक विजय सिंह सोलंकी द्वारा किये गए लोकार्पण कार्यों का विरोध करने एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के एसडीओ को खुले मंच से धमकीभरे स्वर में चेतावनी देने पर कांग्रेस आईटी सेल के प्रदेश महासचिव डॉ. हिमांशु गोखले ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। डॉ. गोखले ने सांसद द्वारा की गई टिप्पणी को भाजपा की छोटी सोच बताया। सोशल मीडिया पर भी एक पोस्टर सामने आया है जिसमे डॉ. गोखले ने सांसद सुभाष पटेल को इस प्रकार की बयानबाजी न करने की नसीहत दी है।
डॉ.गोखले का कहना है कि स्थानीय विधायक द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में स्वयं की विधायक निधि से करवाए गए कार्यों का शिलान्यास करने एवं लोकार्पण करने का पूरा अधिकार है। विधायक द्वारा क्षेत्र में करवाए जा रहे कार्यों का पैसा सांसद अपनी जेब से नहीं दे रहे। सांसद महोदय को इस मामले में टिका-टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। पार्षद से सांसद बनें सुभाष पटेल अब तक शायद यह नहीं समझ पाएं है कि अब वह राजपुर नगर परिषद् के पार्षद नहीं लोकसभा के सांसद हैं। सांसद पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अनुशासन में रहते हुए उन्हें मर्यादित भाषा का उपयोग करना चाहिए।
अधिकारियों पर शासन का दबाव बनाकर खुले मंच से धमकी देना अपराधिक श्रेणी में आता है, जिसपर कार्रवाई की जाना आवश्यक है। शासन सत्ता की आड़ में सांसद द्वारा खुले रूप से दादागिरी की जा रही है, जिसे कतई सहन नहीं किया जाएगा। डॉ. गोखले ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि संसद महोदय गनीमत समझे कि शासन एवं सत्ता के दबाव में अधिकारी चुप रह गया, हम जैसा कोई अधिकारी होता तो उसी समय सांसद महोदय को करारा जवाब मिलता, जिसके बाद कहीं ओर सांसद महोदय किसी अधिकारी को धमकी देने से पहले एक बार ज़रूर सोचते।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव (आईटी) डॉ. गोखले ने सांसद सुभाष पटेल को राय दी है कि खुले मंच से अधिकारी को धमकी देने एवं किसी अधिकारी के आत्मसम्मान को ठेस पंहुचाने की बजाय अपने पद एवं पॉवर का इस्तेमाल आम जन की सेवा एवं समस्याओं को दूर करने में उपयोग करें। पार्टी एवं वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी टीआरपी बढाने के लिए इस प्रकार की विवादित बयानबाजी करना आगे उनके स्वयं के राजनितिक भविष्य के लिए ख़तरा साबित हो सकता है। इसके साथ ही अनुशासन एवं मर्यादा की बात करने वाली भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी चाहिए की वह अपनें पार्टी पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को विवादित बयानबाजी न करने की सलाह दें।
रिपोर्ट :- शेख फरीद