नई दिल्ली- बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में ज्यादा जोर गरीब कल्याण के मुद्दे पर रहा। पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए की सरकार बनते ही उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार गरीबों की भलाई के लिए आई है। पीएम ने कहा कि विपक्ष ने सिर्फ सिर्फ़ वादे किए, हमने ठोस काम किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी से गरीबों को बहुत फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार की सारी योजनाओं का सीधा लाभ गरीबों को मिला है और आगे भी सरकार गरीबों के हित के लिए कदम उठाएगी। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी इन राज्यों में जीत हासिल करेगी, लेकिन इसके लिए बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को फोकस करना होगा।
इससे पहले, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में कहा कि नोटबंदी का निर्णय सफल रहा। इससे दीर्घकालिक अवधि में अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसका असर इस तरह भी समझा जा सकता है कि इस फैसले के असर से होम लोन की ब्याज दरें एक बार में एक फीसदी तक गिर गईं। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने एक आर्थिक प्रस्ताव भी रखा।
वहीं, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मौके पर कहा कि नोटबंदी का निर्णय बेहद सफल रहा। नोटबंदी के बाद भी हम सक्रिय रहे. 50 दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को संबोधित कर अपनी बात रखी। नोटबंदी की वजह से आतंकियों की लाइफलाइन खत्म हुई। मोदी ने अपने संबोधन में गरीबों को राहत के लिए कई घोषणाएं की। इसके अलावा मीडिया से बात करते हुए पार्टी प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है वहां सुशासन है।
शुक्रवार को बैठक के पहले दिन बीजेपी ने कहा था कि नोटबंदी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब समर्थक होने का मुद्दा कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियों से छीन लिया है और इसीलिए वो बौखलाई हुई हैं।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि गरीबों ने नोटबंदी का पूरा समर्थन किया है। विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है और उसकी भूमिका विकास के क्रम में रुकावट पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी को आम जनता का व्यापक समर्थन मिला है, निकाय चुनाव के नतीजे इसका प्रमाण है। इसके साथ ही कहा कि पाकिस्तान का रवैया नहीं बदला तो आतंकवाद के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक भविष्य में भी होगा। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक दंगों के लिए राज्य सरकार को उन्होंने जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने निकाय चुनाव की सफलता को केंद्र सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर बताया। साथ ही नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक को केंद्र सरकार के दो प्रमुख फैसलों को बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पीएम के फैसलों की चर्चा हो रही है।
उन्होंने बंगाल में तृणमूल नेताओं के चिटफंड घोटाले की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी दफ्तर पर हमले पर बोलते हुए कहा कि हिंसा पर वैचारिक रूप से नहीं लड़ सकते इसलिए बौखलाहट में हिंसा कर रहे हैं। इसलिए संवैधानिक संस्थाओं और पार्टी दफ्तरों पर हमला किया जा रहा है। अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो सबूतों के आधार पर कानूनी कार्रवाई का सामना करने के बजाय तृणमूल कार्यकर्ता हिंसा कर रहे हैं। [एजेंसी]