ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस पर प्रहार किया है. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि बीजेपी मुस्लिम मुक्त भारत चाहती है, वहीं राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) दलित मुक्त भारत चाहती है
दलितों और मुस्लिमों से अपील करते हुए ओवैसी ने कहा, ‘मुस्लिमों और दलित को अब जागना होगा, क्योंकि बीजेपी इस देश को मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहती है, वहीं आरएसएस दलित मुक्त भारत चाहती है.’
यहां ‘मीम’ और ‘भीम’ अपने पुराने नारे को दोहराते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मैं दलितों से भी कहना चाह रहा हूं कि आपका गरीब भाई आपके सामने खड़ा हुआ है.’ बता दें कि ओवैसी मीम का इस्तेमाल मुस्लिम, जबकि भीम लफ्ज़ का इस्तेमाल दलितों के लिए करते रहे हैं.
ओवैसी ने तीन तलाक पर रोकथाम के मकसद से लाए जा रहे नए कानून को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, इस कानून का मकसद मुस्लिम बच्चों को जेल में डालना और मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाना है. यही इस कानून का असल मकसद है.’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि औरत को इंसाफ दिलाने की बात तो बस एक बहाना है, निशाना शरीयत को बनाना है. उन्होंने कहा, ‘अगर मिस्टर मोदी सही में इंसाफ करना चाहते हैं तो आने वाले बजट में 2 हजार करोड़ का एक बजट बनाओ और कहो कि अगर कोई मुस्लिम मर्द अपनी बीवी को ट्रिपल तलाक देता है तो हर महिने 15 हजार रुपये देंगे.’ यहां उन्होंने हर घर को 15 लाख मिलने के ‘चुनावी वादे’ को लेकर भी पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप 15 लाख नहीं दे सके, तो कम से कम 15 हजार तो दे दो मित्रों.
ओवैसी ने तीन तलाक पर रोकथाम के मकसद से लाए जा रहे नए कानून को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, इस कानून का मकसद मुस्लिम बच्चों को जेल में डालना और मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाना है. यही इस कानून का असल मकसद है.’