जयपुर : राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक विधायक ने अपनी ही पार्टी की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी आलाकमान से उन्हें जनहित में हटाने की मांग की है। बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर संगनेर से विधायक घनश्याम तिवारी ने पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को एक चिट्ठी लिखकर वसुंधरा राजे पर आरोप लगाया कि वे अपने निजी फायदों के लिए राजनीतिक सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही हैं और राज्य सरकार उन लोगों का एक समूह है जो कि धमकी देकर पैसा वसूलता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से सभी जाति और समुदाय के लोग नाराज हैं और यही कारण था कि मार्च में झुनझुन में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक बैठक के दौरान काले झंडे दिखाए गए थे। तिवारी का कहना है कि मुख्यमंत्री की न तो संगठन और न ही सरकारी सुधार में कोई दिलचस्पी है। शाह को लिखी गई अपनी चिट्ठी में तिवारी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व से जयपुर, बीकानेर, बाड़मेर, कोटा, उदयपुर, अलवर, अजमेर, सीकर और अन्य जिलों के लोग काफी नाराज हैं।
तिवारी ने वसुंधरा राजे पर आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राज्य को लूट रही हैं। इतना ही नहीं तिवारी ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि पार्टी चीफ राज्य की सारी स्थितियों से जागरुक हैं फिर भी मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मीडिया से बातचीत के दौरान तिवारी ने कहा, “पार्टी स्थापना दिवस के मौके पर मैंने अपनी भावना व्यक्त की हैं और पार्टी अध्यक्ष को बताया है कि राज्य में क्या हो रहा है। इससे पहले भी मैंने शिकायत की थी लेकिन मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं चाहता हूं कि लोगों और राज्य की भलाई को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जाए। उन्हें अब और ज्यादा राज्य की राजनीति में नहीं रहना चाहिए और ऐसी स्थिती में ही मैं बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने का विचार करूंगा। मैं वसुंधरा राजे के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ सकता।”