नई दिल्ली – भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बड़बोले बोल को लेकर लोकसभा सांसद साक्षी महाराज पर अनुशासन का डंडा चलाते हुए सफाई मांगी है। साक्षी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए शाह ने उन्हें दस दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है।
बताया जा रहा है कि साक्षी के खिलाफ अनुशासन का डंडा चलाने का फैसला शाह को मजबूरी में उठाना पड़ा है। उनके विवादित बयानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक आहत हैं। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह की ओर से साक्षी को पहले भी नसीहतें मिल चुकी हैं।
लेकिन साक्षी के बोल में सुधार होने के बाद उनके बडबोले बोल की एक लंबी फेहरिस्त बन गई है। आलाकमान की तमाम हिदायतों को अनदेखा करते हुए साक्षी एक-एक कर विवादित बयान देते जा रहे हैं।
साक्षी के विवादित बोल से कई दफे मोदी सरकार से लेकर भाजपा आलाकमान को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। संसद में उनसे माफी मंगवाने से लेकर कई मौके आए जब खुद पार्टी का बचाव करते हुए अमित शाह को साक्षी के बयानों से दूरी बरतनी पड़ी है।
मदरसों में जेहाद की तालीम, नाथूराम गोडसे को देश भक्त करार देना, घर वापसी अभियान से लेकर चार बच्चे पैदा करने के बोल से भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचा है।
संसद के बीते शीत सत्र में मोदी सरकार को इन बेतुके बोलों के कारण फजीहत झेलनी पड़ी। तो अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में विपक्ष ने भाजपा को घेरने के लिए इन मुद्दों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
इस बीच विवादित बयानों के कारण सरकार की विकासवादी छवि भी धूमिल हुई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में इन विवादित बयानों से भाजपा को नुकसान न झेलना पडे़, उससे बचने के लिए पार्टी आलाकमान ने साक्षी को कारण बताओ नोटिस जारी कर अनुशासन का डंडा चलाया है।
वहीं साक्षी के जरिए पूरे भगवा कूनबे के लिए भी यह संदेश माना जा रहा है कि विकास के वायदे के सहारे सत्ता में आई मोदी सरकार विवादित मुद्दों से दूरी बनाए रखेगी।