मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। आरोप लगाते हुए दिग्विजय ने भाजपा के नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग का नाम लिया।
उन्होंने कहा कि इन दोनों ने कांग्रेस विधायकों को किडनैप करने की कोशिश की और उन्हें 100 करोड़ रुपये का लालच दिया। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान को ‘कुर्सी का लालची’ भी बताया।
इससे पहले कांग्रेस विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति को मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही राज्य सरकार में मंत्री डॉ गोविन्द सिंह ने प्रजापति को अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पेश किया।
इसका पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने समर्थन किया। इसके बाद प्रजापति के पक्ष में तीन अन्य विधायकों ने तीन अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए और उनका समर्थन किया गया।
इसी दौरान भाजपा ने पार्टी विधायक कुंवर विजय शाह का नाम अध्यक्ष पद के लिए पेश करने की अनुमति मांगी, लेकिन प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना ने यह कहते हुए इससे इनकार कर दिया कि पहले प्रथम प्रस्ताव का निराकरण मिल जाए।
इसके बाद अपने उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं मिलने के चलते भाजपा सदन से वॉकआउट कर गई।
हालांकि सदन की कार्यवाही जारी रही और प्रजापति विधानसभा अध्यक्ष चुन लिए गए।
पूरी प्रक्रिया में प्रजापति के समर्थन में 120 वोट पड़े। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ को 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त था।
खबर के मुताबिक जिस एक विधायक ने वोट नहीं दिया, उसी को लेकर दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। उन्होंने इसके लिए शिवराज चौहान को जिम्मेदार बताया और माफी की मांग की।