झारखंड के गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे फिलहाल चर्चा में हैं। दुबे रविववार को कनभारा पुल के शिलान्यास के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में मौजूद थे। यहां एक कार्यकर्ता ने उनके पैर धोकर वह पानी पिया।
डॉ. दुबे ने भी इस कार्य का विरोध करने के बजाय इसकी तारीफ करते हुए फेसबुक पर तस्वीर भी शेयर की। तब से सोशल मीडिया पर उनकी लगातार आलोचनाएं हो रही हैं।
‘आज खुद को बहुत छोटा कार्यकर्ता समझ रहा हूं’
कनभारा पुल के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता ने सार्वजनिक रूप से डॉ. निशिकांत दुबे के पैर धोते हुए वह पानी पिया।
डॉ. दुबे ने यह फोटो फेसबुक पर दोपहर बाद 04.39 बजे पोस्ट की और लिखा, ‘आज खुद को बहुत छोटा कार्यकर्ता समझ रहा हूं। भाजपा के महान कार्यकर्ता पवन साह ने पुल बनने की खुशी में हजारों लोगों के सामने पैर धोए और पिया।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘काश यह मौका माता-पिता के बाद मुझे भी मिले और मैं भी कार्यकर्ता का चरणामृत पियूं।’
‘कार्यकर्ता यदि खुशी का इजहार पैर धोकर कर रहा है तो क्या गजब हुआ?’
डॉ. निशिकांत दुबे की इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना का दौर शुरू हुआ। हालांकि, इसके बाद भी डॉ. दुबे रुके नहीं। उन्होंने आलोचना करने वालों के लिए रात 09.07 बजे फेसबुक पर एक और पोस्ट की। इसमें उन्होंने संस्कृति और इतिहास बताते हुए लिखा, ‘अपनों में श्रेष्ठता बांटी नही जाती और कार्यकर्ता यदि खुशी का इजहार पैर धोकर कर रहा है तो क्या गजब हुआ?’
उन्होंने आगे लिखा, ‘पैर धोना तो झारखंड में अतिथि के लिए होता ही है, सारे कार्यक्रम में आदिवासी महिलाएं क्या यह नहीं करती हैं? इसे राजनीतिक रंग क्यूं दे रहे हैं। अतिथि के पैर धोना गलत है तो अपने पुरखों से पूछिए कि महाभारत में कृष्ण जी ने क्या पैर नहीं धोए थे? लानत है घटिया मानसिकता पर…’
डॉ. दुबे की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना और भी बढ़ गई। हालांकि, भाजपा के शीर्ष नेताओं की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दुबे को मिलना है बेस्ट सांसद का अवार्ड
लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड 2018 के लिए गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे बेस्ट सांसद के रूप में चयनित हुए हैं। 13 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में उपराष्ट्रपित वैंकेया नायडू डॉ. दुबे को इस अवार्ड से सम्मानित करेंगे।