देहरादून- उत्तराखंड में 27 अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन बरकरार रहेगा। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए 27 अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन लागू रखने का आदेश दिया है। यह रोक केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान लगाई गई। इस मामले में अगली सुनवाई 27 अप्रैल को होगी।
इस आदेश के चलते उत्तराखंड में एक बार फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि वे इस दौरान राज्य सरकार को बर्खास्त नहीं करेंगे।
बता दें कि गुरुवार यानि 21 अप्रैल को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला किया था। कोर्ट ने हरीश रावत सरकार से 29 अप्रैल को विश्वासमत पेश करने को कहा था। कोर्ट ने अपने फैसले में नौ बागी विधायकों को भी सस्पेंड कर दिया था।
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के राष्ट्रपति शासन खारिज करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई दोपहर 3.30 बजे शुरु हुई है। इससे पहले न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी से मामले को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कराने के लिए उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्रार से संपर्क करने को कहा था। रजिस्ट्रार को मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के लिए प्रधान न्यायाधीश से अनुमति लेनी होती है।
वहीं हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और वरिष्ठ मंत्रियों ने बैठक की थी। बैठक में तय हुआ था कि अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी उच्च न्यायालय के फैसले पर स्थगन की मांग करेंगे। शाह के आवास पर हुई बैठक में रोहतगी के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, गृह सचिव राजीव महर्षि शामिल हुए। इसमें उच्च न्यायालय के आदेश के प्रभावों और पार्टी तथा सरकार के समक्ष मौजूद विकल्पों पर विचार-विमर्श किया गया था। उच्च न्यायालय के फैसले को मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना गया था।