नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिली जेड प्लस श्रेणी की ‘ब्लैक कैट’ सुरक्षा वापस ली जाएगी। इस बात की जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को दी। गृह मंत्रालय की ओर से वीआईपी लोगों की सुरक्षा पर लंबी समीक्षा की गई है। हालांकि, इसको लेकर अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि उनका केंद्रीय सुरक्षा कवच पूरी तरह हटा लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ के तहत सुरक्षा प्राप्त वीआईपी लोगों की सुरक्षा की व्यापक समीक्षा की है, जिसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिल रहे एनएसजी कवर को वापस लेने का फैसला किया गया है। इस बात की अभी जानकारी नहीं मिली है कि अखिलेश यादव को दूसरी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी की सेवाएं दी जाएंगी या नहीं।
वहीं, खबर आ रही है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव का एनएसजी ‘ब्लैक कैट’ सुरक्षा कवच बरकरार रहेगा। बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान अखिलेश यादव को 2012 में ये सुरक्षा दी गई थी। अत्याधुनिक हथियारों से लैस 22 एनएसजी कमांडो का एक दल अखिलेश यादव के साथ तैनात रहता है। सूत्रों के मुताबिक, कम से कम दो दर्जन अन्य वीआईपी लोगों की सुरक्षा या तो वापस ली जाएगी या उसमें कटौती की जाएगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बसपा सुप्रीमो मायावती की सुरक्षा में एनएसजी तैनात रहेगी। इसके पहले, आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में कटौती की गई थी। चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश की सुरक्षा भी हटा ली गई थी। पहले उनको जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही थी, जिसे घटाकर ‘वाई’ कर दिया गया था। इनकी सुरक्षा में कटौती लोकसभा चुनावों के बाद की गई थी। बताया जा रहा है कि मंत्रालय की समीक्षा के बाद कई वीआईपी लोगों की सुरक्षा में कटौती की जा सकती है।