नई दिल्ली- काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान से आज कोर्ट में 58 सवाल पूछे गए। सलमान खान से जब जज ने उनकी जाति पूछी तो पहले उन्होंने कहा कि वो हिंदू है, फिर कहा मुस्लिम है और उसके बाद कहां कि वो इंडियन हैं। कोर्ट में 28 गवाह के बयानों के आधार प्रश्नों की सूची तैयार की गई थी। इनके आधार पर सभी सितारों के बयान लिए गए।
सैफ अली खान ने इस मामले में बयान देते हुए कहा, ‘स्थानीय लोगों की गवाही पर इस मामले में गलत तरीके से मुझे फंसाया गया। मैं कभी शिकार स्थल पर नहीं गया और ना ही शिकार किया है। सलमान ने सबसे आखिर में जज को बताया कि वन विभाग ने मीडिया में पॉपुलैरिटी के लिए यह मुद्दा उठाया था। काले हिरण की नेचुरल डेथ हुई थी।
सलमान ने कोर्ट में ज्यादातर सवालों के जवाब मुझे नहीं पता, मैं वहां मौजूद नहीं और मैं बेगुनाह हूं कहकर दिया। जज ने सलमान से पूछा कि शूटिंग के बाद वो कहां जाते थे तो सलमान ने कहां कि वो सीधा होटल जाते थे। अपनी सुरक्षा की वजह से वो रात में होटल से बाहर नहीं निकलते थे। इस मामले में मुख्य आरोपी सलमान खान है। उन्होंने यह भी कहा कि वो निर्दोष है और अपने बचाव के लिए वो गवाह भी पेश करेंगे।
इस मामले में आज सैफ अली खान, सोनाली बेन्द्रे, तब्बू और नीलम जोधपुर पहुंचे और इनके बयान दर्ज हुए। सैफ अली खान ने कोर्ट में बयान दिया कि वो नर्दोष है। काला हिरण शिकार केस 18 साल से चला आ रहा है।
वहीं, पेशी के दौरान सैफ अली खान ने भी खुद को निर्दोष बताया. अपने बयान में उन्होंने कहा- मैं उस समय होटल में था और मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है. 27 जनवरी को हुई सुनवाई में सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम कोठारी भी शामिल हुई थीं। शिकार के समय जीप में सैफ, सोनाली, तब्बू और नीलम भी सवार थे। इन सब पर सलमान को शिकार के लिए उकसाने का आरोप है। सभी ने अपने बयान में खुद को निर्दोष बताया। ये दोपहर करीब 1:45 पर कोर्ट परिसर से बाहर निकलीं।
इन पर आरोप है कि 1998 में ‘हम साथ-साथ हैं’ कि शूटिंग के दौरान जोधपुर के निकट कांकाणी गांव में सलमान ने दो काले हिरण का शिकार किया था। शिकार के समय जीप में सैफ , सोनाली, तब्बू और नीलम भी सवार थे।
18 साल पहले 1998 में फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान सलमान खान हिरण के शिकार में ऐसे फंसे कि उनके पिछले तकरीबन दो दशक कोर्ट का चक्कर लगाते हुए बीते हैं। सलमान पर तीन जगह हिरण का शिकार करने का आरोप लगा जबकि एक केस शिकार के दौरान इस्तेमाल किए गए हथियार को लेकर आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हुआ। इनमें से तीन में सलमान बरी हो चुके हैं जबकि शिकार का एक केस अब भी चल रहा है और उसी में आज सलमान और बाकी आरोपियों को कोर्ट में पेश होना है।
भवाद काला हिरण शिकार मामला
26-27 सितंबर 1998 को शिकार हुआ। मथानिया थाने में आईपीसी की धारा 147 ,148 149 आईपीसी और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9 ,39 , 51 , 52 और 27 आयुध अधिनियम के तहत दर्ज हुआ। निचली अदालत ने 17 फरवरी 2006 को सलमान को दोषी करार देते हुए एक साल की सजा सुनाई। 2016 में हाईकोर्ट ने इस मामले में सलमान को बरी कर दिया। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
घोड़ा फार्म हाउस काला हिरण शिकार मामला
28-29 सितंबर 1998 की रात को घोड़ा फार्म में 2 हिरणों का शिकार मथानिया पुलिस थाने में आईपीसी की धारा 147,148,149 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा -9,39,51,52 और 27 आयुध अधिनियम के तहत दर्ज हुआ। सीजेएम कोर्ट ने अप्रैल 2006 में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। सजा के खिलाफ सलमान राजस्थान हाईकोर्ट गए और वहां से बरी हो गए। हाईकोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
कांकाणी काला हिरण शिकार मामला
ये मामला लूणी थाने में 15 अक्टूबर 1998 को आईपीसी की धारा 2 (16 ),9/51 ,9 /52 वन्य जीव संरक्षण के तहत दर्ज किया गया था। सलमान खान, सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे इसमें आरोपी हैं। ये मामला अब भी कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में कोर्ट ने सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे सहित सभी आरोपियों को आज पेश होने के आदेश दिए हैं।