मुंबई- महाराष्ट्र के मुंबई में बीएमसी चुनाव के लिए शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन अभी तक नहीं हो पाया है। बीजेपी ने सीट बंटवारे पर पिछले चुनाव के फॉर्मूले को मानने से इंकार कर दिया है और ज्यादा सीटें मांगी हैं। लेकिन शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं है। इसी बीच बीजेपी नेता राव साहेब दानवे ने ये कहकर दूरी और ज्यादा बढ़ा दी है कि जिसकी पास ज्यादा सीटें होंगी मुंबई का मेयर उसी का होगा।
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टूट गया बीस सालों का साथ
पिछले 20 सालों से शिवसेना और बीजेपी ने साथ चलकर मुंबई महानगर पालिका पर अपना कब्ज़ा बरकरार रखा, लेकिन इस बार दोनों ही पार्टियों के बीच की दूरी और ज्यादा बढ़ गई है।
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बीएमसी चुनाव के लिए शिवसेना और बीजेपी में गठबंधन नहीं हो पाया है, लेकिन इस बीच महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े नेता राव साहेब दानवे ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है।
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दानवे ने एबीपी माझा के एक कार्यक्रम में कहा है, मुंबई महानगरपालिका चुनाव के बाद शिवसेना का ही महापौर चुन कर आएगा इस भ्रम में कोई ना रहे, महानगरपालिका चुनाव में जिसकी ज्यादा सीटें आएंगी उसी पार्टी का महापौर होगा।
राव साहेब दानवे का ये बयान इसलिए भी ज्यादा अहम है क्योंकि पिछले बीस सालों से बीएमसी का मेयर शिवसेना का ही होता आया है, दरअसल बीजेपी अब 2012 के फॉर्मूले पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती।
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2012 का गणित
2012 में बीजेपी ने 63 सीटों पर चुनाव लड़ा। 32 पर जीते, जबकि शिवसेना ने 164 सीटों पर चुनाव लड़ा और 75 सीटों पर जीत दर्ज की।
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सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक अब बीजेपी 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि शिवसेना 90 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है। गठबंधन नहीं होने की यही वजह मानी जा रही है। क्योंकि, बीजेपी को लगता है कि महाराष्ट्र में अब वो शिवसेना के बड़े भाई की भूमिका में आ चुकी है।
महाराष्ट्र में मुंबई सहित सभी 10 महानगरपालिकाओं के लिए 21 फरवरी को वोटिंग होगी। 23 फरवरी को इसके नतीजे आएंगे। इसके साथ ही 25 ज़िला परिषदों और पंचायत समितियों के भी चुनाव होने हैं। [एजेंसी]