बंबई शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला मंगलवार को लगातार छठे कारोबारी सत्र में जारी रहा और सेंसेक्स 42 अंक और टूटकर आठ महीने के नए निचले स्तर 26,481.25 अंक पर आ गया। यह चार महीने में सेंसेक्स में गिरावट का सबसे लंबा सिलसिला है। एमएससीआई सूचकांक में भारत का भारांश कम होने की आशंका में बाजार में गिरावट आई।
इस तरह लगातार छह सत्रों में सेंसेक्स 1,370 अंक या 4.91 प्रतिशत का नुकसान दर्ज कर चुका है। पिछले मंगलवार से बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। उस दिन रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने आर्थिक स्थिति में सुधार को लेकर आशंका भी जताई थी। उसी दिन मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून कमजोर रहने का अनुमान लगाया था।
हेम सिक्योरिटीज के निदेशक गौरव जैन ने कहा, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली से बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। एमएससीआई सूचकांक में भारत का भारांश कम होने की आशंका से भी धारणा प्रभावित हुई। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स लिवाली और बिकवाली के दौर के बीच 26,438.32 से 26,604.65 अंक के दायरे में रहा। अंत में यह 41.84 अंक या 0.16 प्रतिशत के नुकसान से 26,481.25 अंक पर बंद हुआ। यह करीब आठ माह में सेंसेक्स का नया निचला स्तर है।
इसी तरह व्यापक आधार वाला निफ्टी 21.75 अंक या 0.27 फीसद के नुकसान से 8,022.40 अंक पर आ गया। निफ्टी में लगातार सातवें कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज हुई। रीयल्टी, स्वास्थ्य सेवा, आईटी व वाहन कंपनियों के शेयरों में सबसे अधिक नुकसान रहा। कारोबारियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच निवेशक सतर्क हैं।