नई दिल्ली – बोस के परिवार की जासूसी करवाने का खुलासा हाल ही में हुआ है। इसके साथ ही कई तरह के अन्य खुलासे भी हुए। इस खुलासे के साथ नेताजी को लेकर नए दावे किए जाने लगे हैं, लेकिन इन सब के बीच नेताजी के प्रशंसक साल 1943 में दिए उस भाषण को भूल जाते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद भारत को 20 साल क्रूर तानाशाही की जरूरत होगी।
सुभाष चंद्र बोस की साल 1935 में लंदन से प्रकाशित हुई किताब ‘इंडियन स्ट्रगल’ के हवाले से इस बात का दावा किया जा रहा है। इस किताब में बोस ने भारत में फासीवाद और कम्यूनिज्म से मिली-जुली राजनीतिक व्यवस्था की वकालत की थी।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, अक्टूबर 1943 में बोस ने प्रॉविजनल गवर्नमेंट ऑफ फ्री इंडिया का ऐलान किया था। उन्होंने सभी भारतीयों से कहा कि वे समर्पण और निष्ठा जताएं और जो कोई उनका विरोध करेगा, उसे उनकी सेना या सरकार मार सकती है।
उस दौर के अखबार ‘संडे एक्सप्रेस’ और ‘सिंगापुर डेली’ में छपे बोस के भाषण के अनुसार, ‘जब तक थर्ड पार्टी ब्रिटिश है, लड़ाई खत्म नहीं होगी। यह बढ़ती चली जाएगी। वे तब ही जाएंगे, जब कोई मजबूत तानाशाह 20 साल तक भारत पर राज करेगा। भारत में ब्रिटिश राज खत्म करने के लिए कम से कम कुछ साल तक सख्त तानाशाही चाहिए। भारत के लिए जरूरी है कि शुरुआत तानाशाही से हो।’
इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) ने ऐलान किया था, ‘अगर कोई शख्स हमारे या हमारे सहयोगियों के इरादों को नहीं समझता है तो ये भारत की आजादी के लिए दिक्कत करेगा, इसलिए उसे मार डाला जाएगा। आईएनए के सहयोगियों में अर्जी हुकूमत-ए-आजाद हिंद, निपो आर्मी (जापानी सेना) शामिल थे। ऐसे लोगों को क्रिमिनल लॉ के आधार पर कड़ी सजा देने की बात कही गई थी।INA