सरकार ने यही कारण देते हुए मीडिया वन पर भी 48 घंटे का बैन लगाया था। केंद्र सरकार ने अपने आदेश में कहा कि, चैनलों ने दिल्ली हिंसा में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की थी। उनकी रिपोर्टिंग सीएए के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा पर आधारित थी। इन चैनलों ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। चैनल ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए आलोचना की थी।नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जिन दो मलयालम चैनल एशियानेट न्यूज और मीडिया वन को 48 घंटे के लिए बैन किया था, वो अब ऑनएयर हो गए हैं। चैनलों पर आरोप था कि उन्होंने ‘दिल्ली दंगों की कवरेज’ पक्षपातपूर्ण तरीके से की थी। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि एशियानेट न्यूज का कवरेज एक तरफा था, जिसमें पूजा स्थलों पर हमले और एक विशेष समुदाय के पक्ष को लेकर की जा रही हिंसा को दिखाया गया था।
सरकार ने यही कारण देते हुए मीडिया वन पर भी 48 घंटे का बैन लगाया था। केंद्र सरकार ने अपने आदेश में कहा कि, चैनलों ने दिल्ली हिंसा में पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की थी। उनकी रिपोर्टिंग सीएए के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा पर आधारित थी। इन चैनलों ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। चैनल ने हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराते हुए आलोचना की थी।
बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पिछले महीने दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान सभी निजी सेटेलाइट टीवी चैनलों को परामर्श जारी कर उनसे हिंसा फैलाने या राष्ट्रविरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने वाली सामग्री के प्रति सावधानी बतरने को कहा था।
Asianet and MediaOne channels which were banned for 48 hours yesterday by I&B ministry for allegedly communally insensitive coverage of Delhi violence, are back on air. #Kerala pic.twitter.com/nd9DBljauT
— ANI (@ANI) March 7, 2020
कांग्रेस ने भी इस कदम की आलोचना की थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘बीजेपी की सरकार दिल्ली के दंगों पर कोई भी चर्चा नहीं करेगी। लेकिन उन्होंने एशियानेट न्यूज टीवी और मीडिया वन टीवी लाइव पर सख्ती दिखाई। गुलाम बनाना, दमन करना और गला घोंटना ही बीजेपी का ‘मंत्र’ है। क्या यही ‘न्यू इंडिया’ है?