भगवान ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध तीर्थ पुष्कर में स्थित है। इस मंदिर में देश विदेश से लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। ब्रह्मा जी का भारत में एक मंदिर होना कोई संयोग की बात नहीं है, बल्कि उन्हें एक ऐसा श्राप दिया गया था जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे।
भगवान ब्रह्मा को खुद उनकी पत्नी सावित्री ने श्राप दिया था। हिन्दू धर्मग्रन्थ पद्म पुराण के अनुसार जब धरती वज्रनाश नामक राक्षस का कहर झेल रही थी। तब ब्रह्मा जी ने उस राक्षस का वध कर दिया।
लेकिन उस दौरान उनके हाथों से तीन जगह पर कमल गिर गए और वहां तीन झीलें बन गई। तब से उस जगह का नाम पुष्कर पड़ गया। इस वक्त ब्रह्मा जी ने संसार के लिए एक यज्ञ करने का फैसला किया।
ब्रह्मा जी ने पुष्कर में यज्ञ शुरु किया लेकिन उनकी पत्नी सावित्री के तय समय पर न पहुंचने की वजह से उन्होनें गुर्जर समुदाय की एक लड़की ‘गायत्री’ से विवाह कर कर लिया और यज्ञ शुरु किया। उसी दौरान सावित्री वहां पहुंच गई और ब्रह्मा जी पर क्रोधित हो गईं।
सावित्री ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि देवता होने के बावजूद कभी भी उनकी पूजा नहीं होगी। सावित्री के दिए श्राप को सभी देवताओं ने वापस लेने के लिए कहा और ऐसा करने के पीछे का कारण बताया।
सावित्री गुस्सा शांत होने के बाद ब्रह्मा जी की धरती पर सिर्फ पुष्कर में ही आपकी पूजा होने की बात कही। साथ ही ये भी कहा कि अगर कोई इस जगह के अलावा धरती पर ब्रह्मा जी का मंदिर बनाएगा तो उसका विनाश हो जाएगा।
वहीं पुष्कर में ब्रह्मा जी के मंदिर का निर्माण कब हुआ ये कोई नहीं जानता। लेकिन ऐसा कहते हैं की एक हजार साल पहले एक राजा ने इस मंदिर के पुराने ढांचे को दोबारा जीवित किया था।
पुष्कर में सावित्री का भी मंदिर बनवाया गया है। जहां पहुंचने के लिए भक्तों को सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।