सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे.एस. खेहर कहा है कि अब कानून तोड़ना और कोर्ट की अवमानना करना धीरे-धीरे हमारे कल्चर और खून में आ गया है। ‘मेल टुडे’ की खबर के मुताबिक जस्टिस खेहर ने ये बातें शुक्रवार(28 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान कही।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि देश तरक्की करे तो आपको कानून का पालन करना होगा। जस्टिस केहर ने साफ शब्दों में कहा कि कानून तोड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा फिर वो चाहे जो भी हो।
दरअसल दिल्ली के लाजपत नगर में एक इंस्टीट्यूट के हेड दिनेश खोसला अपने घर की बिल्डिंग का उपयोग कमर्शियल तौर पर कर रहे थे। इसी मामले की सुनवाई में जस्टिस केहर ने कहा कि कानून तोड़ने के हम आदि हो चुके हैं और अब तो ये हमारे खून में शामिल हो चुका है।
जस्टिस खेहर की इस टिप्पणी को विजय माल्या के कोर्ट की अवमानना करने से भी देखा जा सकता है। माल्या ने कोर्ट के आदेश के बावजूद भी कोर्ट में पेशी को बार-बार नकारा। शराब कारोबारी माल्या बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर लंदन फरार हो चुके हैं।
आपको बता दें कि जस्टिस खेहर का कार्यकाल 24 अगस्त को पूरा हो रहा है। उन्होंने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस दीपक मिश्र का नाम प्रस्तावित किया है।