केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की शेष बची 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के आयोजन को लेकर बोर्ड ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। CBSE बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से शेष बची 10वीं की परीक्षा नहीं कराने का फैसला किया है, जबकि 12वीं की परीक्षा के लिए छात्रों के पास परीक्षा देने और छोड़ने दोनों का ऑप्शन होगा।
बोर्ड ने ये भी कहा कि अब 1 से 15 जुलाई के बीच परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जाएगा। इधर ICSE बोर्ड ने भी कहा कि कोर्ट द्वारा CBSE बोर्ड को लेकर जो फैसला दिया जाएगा, वो उसे भी मंजूर होगा। 12वीं की परीक्षाओं को लेकर CBSE 26 जून यानि शुक्रवार को नया नोटिफिकेशन जारी कर स्थिति स्पष्ट करेगा।
दरअसल परीक्षाओं को निरस्त करने के लिए कुछ अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। बोर्ड की ओर से मंगलवार को अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर गई थी। सरकार और सीबीएसई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान बताया कि बोर्ड ने फैसला किया है कि 10वीं की शेष बची परीक्षाएं नहीं होगीं।
जबकि विद्यार्थी यदि चाहें तो 12वीं की परीक्षा छोड़ सकते हैं। CBSE बोर्ड ने 12वीं के बच्चों को ऑप्शन दिया कि वे परीक्षा देने या इंटरनल असेसमेंट में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। इंटरनल असेसमेंट के ऑप्शन को चुनने वाले विद्यार्थियों को पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर शेष बचे विषयों में नंबर दिए जाएंगे।
बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में ये भी जानकारी दी गई कि फिलहाल 12वीं की परीक्षा को स्थगित किया गया है और परीक्षा की नई तारीखें जल्द घोषित की जाएंगी।
बता दें कि CBSE बोर्ड की 10वीं की शेष बची परीक्षाएं उत्तर-पूर्वी दिल्ली में आयोजित होना थी क्योंकि इस क्षेत्र में हिंसा के चलते परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण परीक्षाएं नहीं हो पाईं।
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना के वर्चुअल कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा था कि कोरोना का संक्रमण का प्रकोप जारी है और ये बच्चों की सेहत का सवाल है। ऐसे में बची परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए और बच्चों को प्री बोर्ड या आंतरिक आकलन के आधार पर औसत अंक देकर पास कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर सरकार से इस मामले पर फैसला लेने को कहा था।
परीक्षाओं को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने CBSE बोर्ड से उसका पक्ष जानना चाहा। इस पर बोर्ड ने सीलबंद रिपोर्ट प्रस्तुत की। बोर्ड पूर्व में कह चुका था कि 10वीं कक्षा का रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर तैयार करना आसान है, लेकिन 12वीं कक्षा के लिए ऐसा करना ठीक नहीं होगा क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर आईआईटी, मेडिकल समेत उच्च शिक्षा में दाखिला होता है।