नई दिल्ली- जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर शुक्रवार को पाकिस्तान सैनिकों के हमले में घायल हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का जवान शहीद हो गया है।
पुलिस का कहना है कि बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह ने रविवार तड़के जम्मू के गवर्मेट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अंतिम सांस ली।
पाकिस्तानी हमले में बीएसएफ जवान के घायल होने के बाद बीएसएफ ने त्वरित कार्रवाई कर सात पाकिस्तान रेंजर्स और एक आतंकवादी को मार गिराया था।
गुरनाम सिंह जम्मू जिले के आर.एस.पुरा सेक्टर के भालेसर गांव के रहने वाले थे।
शहीद जवान के भाई मंदीप सिंह और बहन गुरजीत कौर का कहना है कि गुरनाम को सिर में गंभीर चोट लगने के बावजूद भी राज्य से बाहर विशेष उपचार के लिए नहीं ले जाया गया।
बीएसएफ का कहना है कि वह घायल जवान और उसके परिवार को हरसंभव मदद के लिए तैयार थे लेकिन जम्मू एवं कश्मीर से बाहर किसी अस्पताल में भर्ती करने पर चिकित्सीय सलाह के बाद ही फैसला लिया जा सकता था। बता दें कि पाकिस्तानी रेंजर्स ने उनके सर में गोली मारी थी।
गुरनाम के शहीद होने के बाद उनके घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद गुरनाम की बहन गुरजीत कौर ने कहा कि उनके भाई के नाम से एक अस्पताल बनाया जाए।
– गुरजीत ने कहा कि हमें अपने भाई पर गर्व है जिन्होंने देश के लिए जान न्यौछावर कर दी। मेरी सरकार से बस एक गुजारिश है कि बीएसएफ के अलग अस्पताल बनाए जाए।
– वहीं शहीद गुरनाम की मां ने कहा कि हमारी मोदी सरकार से मांग कि बीएसएफ के लिए अलग अस्पताल बनाया जाए। हमें अपने बेटों की चिंता है, उनको बेहतर इलाज मिलना चाहिए।
– गुरनाम की मां ने बताया कि उसने कहा था कि मां रोना मत अगर मैं देश के लिए जान दे दूं। मैंने कहा था कि मैं नहीं रोउंगी।